दिल्ली नगर निगम के पेंशन भोगियों के खातों में मंगलवार सुबह पेंशन पहुंची और शाम होते-होते सभी खातों से पेंशन गायब हो गई। इन पेंशनभोगियों मेंदिल्ली नगर निगम के पूर्व निगमायुक्त से लेकर चपरासी तक शामिल हैं जिनकी संख्या करीब 55 हजार से अधिक बताई जाती है।
इस संबंध में निगम यूनियन के पदाधिकारी गिरिराज शर्मा और एपी खान का कहना है कि पेंशन भोगियों के साथ अप्रैल फूल मनाया गया है।
दूसरी तरफ भाजपा दिल्ली प्रदेश के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर का कहना है कि अभी कांट्रेक्ट कर्मियों के नवीकरण का रास्ता नहीं मिला है और हजारों पेंशनधारकों को पेंशन देकर रात को निकालने से नया विवाद खड़ा हो गया है। पेंशनभोगियों के मुताबिक दिल्ली नगर निगम में विभिन्न विभागों के हजारों पेंशनभोगी हैं जिनकी दो माह से पेंशन जारी नहीं हुई है। मंगलवार सुबह पेंशनभोगियों के खातों में एक माह की पेंशन जारी हुई तो उनके चेहरे पर खुशी झलक आई और सोचा की दूसरे माह की पेंशन का भी जल्द ही इंतजाम हो जाएगा। लेकिन यह क्या शाम होते-होते सभी पेंशनधारकों के खातों से पेंशन गायब होने लगी।
बुजुर्ग पेंशनधारकों ने सोचा कि उनके साथ किसी ने धोखाधड़ी कर ली है, क्योंकि आजकल अचानक बैंकों से पैसे निकलने के मामले आ रहे हैं। बैंको से पैसे निकलने पर पेंशन भोगियों ने आपस में बातचीत की तो रात होते होते तक यह पता चला कि सभी पेंशनभोगियों के खातों से पेंशन वापस जा चुकी है।
दूसरी तरफ निगम लेखा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दरअसल फरवरी माह की पेंशन उनके खातों में जानी थी, लेकिन बैंकों की लापरवाही की वजह से मार्च माह की पेंशन चली गई। बैँक की इस लापरवाही की वजह से पेंशनभोगियों को फरवरी माह की पेंशन नहीं मिलती जिसकी वजह से बैंकों ने पेंशनभोगियों के खातों से यह रकम रात तक वापस निकाल ली।