मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी हुई एसयूवी मिलने के मामले में अब महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मच गया है.
दरअसल, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के पास मिली स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन से पूछताछ की थी. उनकी लाश शुक्रवार सुबह मुंब्रा खाड़ी में पाई गई थी.
मनसुख हिरेन की मौत का मामला मर्डर के तौर पर महाराष्ट्र पुलिस ने दर्ज किया था. बाद में इस पूरे मामले को महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) को सौंप दिया गया. सोमवार को केंद्र सरकार ने इस मामले को नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के सौंप दिया.
इसके बाद ही पूरे मामले ने सियासत का रंग ले लिया. कुछ दिन पहले मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास एक लावारिस एसयूवी खड़ी मिली थी. इस एसयूवी में जिलेटिन की छड़ें मिली थीं.
बताया जा रहा था कि मनसुख हिरेन ही इस गाड़ी के मालिक थे और पुलिस ने उनसे पूछताछ भी की थी. बाद में मुंब्रा खाड़ी से हिरेन की लाश मिली थी.
उद्धव ठाकरे और अनिल देशमुख ने उठाए सवाल–
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इसमें “दाल में कुछ काला” नजर आया. ठाकरे ने कहा, “एटीएस इस मामले की जांच कर रही थी, लेकिन इसके बावजूद केंद्र ने इसे एनआईए को सौंप दिया. इसका मतलब है कि दाल में कुछ काला है. हम तब तक हार नहीं मानेंगे जब तक कि इसका खुलासा नहीं कर देते.”
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने केंद्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, “हमारी नजर में यह एक गलत फैसला है. खासतौर पर तब जबकि राज्य की एजेंसियां सही दिशा में आगे बढ़ रही थीं. मुंबई पुलिस बेहद सक्षम और प्रोफेशनल है. लेकिन, चूंकि यह केस एनआईए को दे दिया गया है, ऐसे में हम उनके साथ सहयोग करेंगे.”
देशमुख ने कहा कि हालांकि, एनआईए विस्फोटक से जुड़े मामले की जांच करेगी लेकिन, मनसुख हिरेन की मौत से जुड़ा मामला एटीएस के पास ही रहेगा.