आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सातों सीटों पर हार के बाद कांग्रेस के साथ गठबंधन खत्म करने का ऐलान कर दिया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर गुरुवार को बैठक के बाद इसकी घोषणा की।उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए ही था, विधानसभा चुनाव पार्टी अकेले लड़ने जा रही है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और सभी विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें लोकसभा चुनाव में मिली हार और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में गोपाल राय ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी ने विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है।
गोपाल राय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘पहले से साफ है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था। लोकसभा चुनाव हमने मिलकर ईमानदारी से लड़ा। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कोई गठबंधन नहीं है। दिल्ली के अंदर दिल्ली की जनता के साथ मिलकर हम इस लड़ाई को लड़ेंगे और जीतेंगे।’ बाद में एएनआई से बातचीत में अपनी बात को दोहराते हुए राय ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के पहले दिन से स्पष्ट है कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था, हम मिलकर लड़े। जहां तक विधानसभा चुनाव की बात है। इसके लिए कोई गठबंधन नहीं बना है। आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी।’आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन में शामिल थी। पार्टी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन करके भाजपा से मुकाबला करने उतरी। चार सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार लड़े तो तीन कांग्रेस के हिस्से थी। हालांकि, सभी सीटों पर गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा। परिणाम आने के तीसरे दिन ही ‘आप’ ने आगे अकेले चलने की घोषणा कर दी है।
केजरीवाल ने पहले ही दिए थे संकेत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोबारा जेल जाने से पहले एक टीवी इंटरव्यू में इशारा किया था कि कांग्रेस के साथ भविष्य में दोस्ती खत्म की जा सकती है। कांग्रेस के साथ गठबंधन के भविष्य को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, ‘हमने कांग्रेस के साथ कोई परमानेंट शादी नहीं की है, ना हमारी लव मैरिज हुई है और ना अरेंज मैरिज हुई है।’ आप के राष्ट्रीय संयोजक ने दलील दी थी कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनकी पार्टी गठबंधन में शामिल हुई थी।