तमिलनाडु में हाल में संपन्न शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए मतगठना हुई जिसमें सत्तारूढ़ द्रमुक ने बंपर जीत हासिल की है। नगर पंचायतों में, द्रमुक ने 1,251 वार्ड और अन्नाद्रमुक ने 354 वार्ड में जीत हासिल की है। लेकिन अकेले चुनावी समर में उतरने वाली बीजेपी का प्रदर्शन चौंकाने वाला रहा है। पिछले शहरी निकाय चुनावों की तुलना में इस बार बीजेपी की सीटें बढ़ीं और वो निकाय चुनावों में बनी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। बीजेपी ने नगर निगम में 22, नगरपालिकाओं में 56 और नगर पंचायतों में 230 सीट हासिल की है।
बीजेपी का बढ़ा वोट प्रतिशत और हिस्सेदारी भी
शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों में 2012 की तुलना में बीजेपी का इस बार 0.7% वोट प्रतिशत बढ़ा है। 2011 में बीजेपी अकेले लड़ी थी। पार्टी की नगर पंचायतों में 2.2% की हिस्सेदारी थी यह 2022 के शहरी निकाय चुनाव में बढ़कर 3.01% हो गई है।
डीएमके की एकतरफा जीत
राज्य में शहरी निकाय चुनाव के लिए मतदान 19 फरवरी को हुए और 22 फरवरी को परिणाम की घोषणा हुई। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन काउंसिल चुनाव में 200 में से द्रमुक को 153 सीटें मिली हैं, वहीं विपक्षी दल अन्नाद्रमुक को महज 15 सीटें मिली हैं। द्रमुक के सहयोगियों में कांग्रेस को 13, माकपा और वीसीके को 4-4, एमडीएमके को दो जबकि भाकपा और आईयूएमएल को एक-एक सीटें मिली हैं। पांच निर्दलीय के अलावा भाजपा और एएमएमके को भी एक-एक सीटें मिली हैं। विपक्षी दल (अन्नाद्रमुक) सभी 21 शहरी स्थानीय निकायों में जीत दर्ज करने में असफल रही है, उसे द्रमुक के हाथों हार मिली है।