देश के युवाओं को कोरोना के खिलाफ तैयार करने के लिए टीकाकरण अभियान आज से शुरू हो गया, लेकिन इसकी कीमत को लेकर नए-नए सवाल उठने लगे हैं. दिल्ली के बड़े अस्पतालों ने वैक्सीन की कीमत 900 रुपए से 1200 रुपए तक फिक्स कर रखी है. वहीं नोएडा के कुछ अस्पताल सरकारी वेबसाइट पर 400, 900, और 1200 रुपए तक कीमत ले रहे हैं.
केंद्र सरकार की तरफ से जारी आदेश के बाद वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए मारामारी शुरू हो गई और कोविन पर मिल रही जानकारी के मुताबिक दिल्ली में कई अस्पताल में तो एक महीने तक बुकिंग हो चुकी है. वहीं अब कोविशील्ड की वैक्सीन की कीमत को लेकर निजी अस्पतालों ने मनमानी करनी शुरू कर दी है. कहीं 250 से 900 रुपए तक लिया जा रहा है, तो कुछ अस्पतालों में अभी 1200 रुपए लिया जा रहा है. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी, लेकिन अभी ये शुरू नहीं हुआ है. दिल्ली में मैक्स ग्रुप के सभी अस्पतालों में 900 रुपए लिए जा रहे हैं. बीएल कपूर अस्पताल में तो 900 रुपए के हिसाब से 6 काउंटर से 18 मई तक बुकिंग हो चुकी है. वहीं दक्षिण पूर्वी दिल्ली के संद सोहम अस्पताल में कोविशील्ड की कीमत मात्र 250 रुपए दिखाया गया है और वहां अभी बुकिंग भी हो रही है.
नोएडा में वैक्सीन की कीमत 900 रुपए प्रति डोज
नोएडा में तो सिर्फ मैक्स में या फोर्टिस में ही 18 से 44 साल तक की उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है. यहां इसकी कीमत भी 900 रुपए प्रति डोज है. गाजियाबाद में मैक्स वैशाली में 900 रुपए में वैक्सीन दी जा रही है, लेकिन यहां 31 मई तक एडवांस बुकिंग हो चुकी है. गुरुग्राम में भी वैक्सीन कुछ ही अस्पताल में मिल रही है. सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक अदार पूनावाला ने पिछले दिनों ही इसकी कीमत में बढ़ोतरी की बात कही थी, जिसके मुताबिक सरकार को अब 150 रुपए के बदले 400 रुपए और निजी अस्पतालों को 600 रुपए तक देने की बात कही थी. भारत बायोटेक की बात ही निराली है. अभी इसकी निजी अस्पतालों को सप्लाई नहीं हो पा रही है, लेकिन इसकी कीमत निजी अस्पताल 1000 से 1500 रुपए तक वूसलेंगे.
इस बार इसकी कीमत तय करने का अधिकार राज्य सरकार और निजी अस्पताल को ही है. निजी अस्पतालों की लूट के पीछे कारण क्या है, ये हम आपको बता देते हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने जब ये फैसला लिया कि 18 साल से लेकर 44 साल तक अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीनेशन किया जाएगा तो वैक्सीनेशन की कीमत कितनी होगी इस पर फैसला कंपनी और प्रदेश सरकार के ऊपर छोड़ दिया. एक निजी अस्पताल के संचालक ने टीवी9 भारतवर्ष को बताया कि इस बार हमें कंपनी से सीधे टीका खरीदना पड़ रहा है.इसके लिए ट्रांसपोर्टेशन से लेकर दूसरे तकनीकी कारणों से इसकी कीमत में इजाफा हुआ है. इसका दूसरा कारण ये भी है कि जो अस्पताल अभी तक नए टीकाकरण में शामिल नहीं हो सके हैं, वो सीधे कंपनी तक पहुंच भी नहीं रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि 45 साल से अधिक की उम्र के लोगों को टीका देने के लिए सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार से मिलकर कर रही है, इसलिए इन उम्र की सीमा के लोगों को लगने वाली टीका कीमत कम ही होगी और पूरी केंद्र सरकार की पुरानी योजना के माध्यम से ही चलेगी. यानी आज से चलने वाली योजना पर सिर्फ सरकारी नजर होगी, लेकिन कीमत को लेकर केंद्र सरकार सीधे हस्तक्षेप नहीं करेगी, जबकि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर पूर्ववत ही योजना चलेगी. देश में 57,153 केंद्रों पर टीकाकरण का काम चल रहा है. इसके लिए 16 करोड़ 76 लाख 40 हजार 739 लोगों के रजिस्ट्रेशन कराया है. इसमें आज 37 लाख 61 हजार 376 लोगों को वैक्सीन दी गई है.