कर्ज में डूबी हुई एयर इंडिया की घर वापसी का समय आ चुका है। गणतंत्र दिवस के ठीक एक दिन बाद या फिर इस सप्ताह के अंत तक टाटा समूह को एयर इंडिया की कमान सौंपी जा सकती है। केंद्र सरकार ने पिछले साल 8 अक्टूबर को टाटा समूह द्वारा लगाई गई बोली को स्वीकार करते हुए एयर इंडिया के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। उस वक्त टाटा समूह ने सबसे ज्यादा बोली लगाई थी।
आपको बता दें कि टाटा समूह ने 18,000 करोड़ रुपए की बोली लगाकर एयर इंडिया को अपने अधिग्रहण में लेने की कोशिश की थी। जिसके बाद मंत्रियों के समूह ने एयर इंडिया की कमान को टाटा संस को सौंपने का फैसला किया। इसी के साथ ही टाटा समूह को एयर इंडिया के संचालन की जिम्मेदारी दी गई लेकिन दफ्तर और जमीन सरकार ने अपने पास ही रखा है।
जल्द पूरी होगी औपचारिकताएं
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस सौदे को लेकर बाकी औपचारिकताएं अगले कुछ दिनों में पूरी होने की उम्मीद है और इस सप्ताह के अंत तक एयर इंडिया को टाटा समूह को सौंप दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने 25 अक्टूबर को खरीद समझौता किय़ा था। जिसके मुताबिक टाटा समूह सरकार को 2,700 करोड़ रुपए नकद देगी और एयरलाइन पर बकाया 15,300 करोड़ रुपए के कर्ज की देनदारी लेगी। गौरतलब है कि एयर इंडिया का साल 2007-08 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय हो गया था, जिसके बाद से विमानन कंपनी लगातार घाटे में चल रही थी। गत 31 अगस्त को उस पर कुल 61,562 करोड़ रुपए का बकाया था। हालांकि 68 साल बाद एयर इंडिया की घर वापसी हो रही है और इस सप्ताह के अंत तक विमानन कंपनी अपने नए मालिक टाटा समूह के साथ होगी।