पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने है। इन पांच राज्यों में पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल है। पंजाब में कांग्रेस के समक्ष अपनी सत्ता बचाना एक बड़ी चुनौती है जबकि उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में उसका मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा से है। इन सबके बीच उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस चुनावी प्रचार में उतर चुकी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल डोर टो डोर कैंपेन की शुरुआत कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक चुनावी राज्यों में कांग्रेस छत्तीसगढ़ मॉडल को अपना सकती है। यही कारण है कि चाहे असम विधानसभा का चुनाव हो या फिर किसी और राज्य का, वहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार जाते रहे हैं।कांग्रेस यह बताने की भी कोशिश कर रही है कि छत्तीसगढ़ में कई जनहितैषी योजनाओं को पार्टी की सरकार की ओर से लागू किया गया है। भूपेश बघेल को उत्तर प्रदेश में मुख्य पर्यवेक्षक के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है। उत्तर प्रदेश चुनाव की रणनीति को लेकर हाल में ही भूपेश बघेल ने पार्टी आलाकमान से मुलाकात की थी। भूपेश बघेल की मुलाकात पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रमुख नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से हुई थी। भूपेश बघेल 2 दिनों के दिल्ली दौरे पर थे। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी चारों नेताओं के बीच एक बड़ी बैठक हुई है।चुनावी राज्यों में कांग्रेस से घोषणा पत्र भी जारी करने की तैयारी कर रही है जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार की कई योजनाओं को शामिल किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जो किसान हितैषी कदम उठाए गए हैं उसको बताया जा रहा है। साथ ही साथ सस्ती दवा और गोधन न्याय योजना को भी मेनिफेस्टो में शामिल किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी छत्तीसगढ़ मॉडल को राज्य के लिए घोषणा पत्र में शामिल करने पर सहमति जता दी है। हाल में ही भूपेश बघेल ने उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों का दौरा भी किया था। इसी को लेकर उन्होंने प्रियंका गांधी को फीडबैक भी दिया है। कांग्रेस का दावा है कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा रहा है। इसे भी पार्टी चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है।