नई दिल्ली. देश कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, इस बीच सरकार ने सलाह दी है कि यह ऐसा समय है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनना चाहिए. सवाल ये है कि सरकार ऐसा क्यों कह रही है कि परिवार के साथ घर में रहने पर भी मास्क पहनें. इस सवाल का जवाब भी सरकार ने ही दिया है. केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करे तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है. अगर संक्रमित व्यक्ति की गतिविधि 50 प्रतिशत तक थम जाए तो इस अवधि में केवल 15 लोग संक्रमित होंगे. वहीं गतिविधि 75 प्रतिशत तक घटने पर एक व्यक्ति 30 दिनों में 2.5 लोगों को संक्रमित कर सकता है.
अफरातफरी से नुकसान
कोरोना टीकाकरण पर केंद्र ने लोगों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि अनावश्यक अफरातफरी से लाभ के बजाय नुकसान हो रहा है. टीकाकरण और कोविड-19 से बचाव के लिए उपयुक्त व्यवहार अपनाने पर जोर देते हुए सरकार ने टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने की पैरवी की और कहा कि महिलाएं माहवारी के समय टीके की खुराक ले सकती हैं.
डॉक्टर की सलाह महत्वपूर्णस्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कई लोग डर से अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. उन्होंने जोर दिया कि डॉक्टरों की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती होना चाहिए. चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कमी पर सरकार ने कहा है कि भारत में पर्याप्त चिकित्सकीय ऑक्सीजन उपलब्ध हैं, लेकिन इसे अस्पतालों तक पहुंचाना चुनौती है.
तर्कसंगत हो ऑक्सीजन का इस्तेमाल
सरकार ने अस्पतालों से तर्कसंगत तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने को कहा है. मरीजों को रेमडेसिविर और टोसिलिजुमाब जैसी दवा भी तार्किक तरीके से लिखने पर जोर दिया है. सरकार ने कहा कि समय आ गया है कि लोगों को घरों में भी मास्क पहनना चाहिए.
अग्रवाल ने कहा कि देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की 14.19 करोड़ खुराकें दी गयी हैं. इनमें से 45 साल से अधिक उम्र के 9.79 करोड़ लोगों को पहली खुराक और 1.03 करोड़ लोगों को दूसरी खुराक दी गयी है.