पांच साल पहले मोदी सरकार ने नोटबंदी की थी। 5 साल पहले ही सरकार ने 500 और 1000 के नोट बंद किए थे और पहली बार लोगों के हाथ 2000 रुपये का करेंसी नोट आया था। लेकिन अब ये नोट भी धीरे धीरे सर्कुलेशन से बाहर जा रहा है।
एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2000 रुपए के नोट की संख्या धीरे-धीरे बाजार से घट रही है। खुद सरकार ने इस बात को स्वीकार किया है। जानकारी के मुताबिक, इस साल नवंबर महीने में करेंसी इन सर्कुलेशन में 2000 रुपए के नोट की संख्या घटकर 223.30 करोड़ रह गई है। यह टोटल नोट्स इन सर्कुलेशन का करीब 1.75 फीसदी है। मार्च 2018 में करेंसी सर्कुलेशन में दो हजार रुपए के नोट्स की संख्या 336.3 करोड़ थी।वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने संसद में कहा कि विशेष मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की छपाई का फैसला सरकार लेती है और इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक से परामर्श लिया जाता है। जनता को किन नोटों की ज्यादा जरूरत है, उसे देखते हुए नोटों के प्रचलन का फैसला होता है। इसके अलावा वित्त राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि 31 मार्च 2018 को 2000 रुपए मूल्यवर्ग के 336.3 करोड़ नोट परिचालन में थे, जबकि इसके मुकाबले 26 नवंबर 2021 को 2233MPC प्रचालन में थे।वित्त राज्यमंत्री ने संसद को जानकारी दी कि 2018-19 से नोट के लिए करेंसी प्रिटिंग प्रेस के पास कोई मांग नहीं रखी गई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद 2000 रुपए के नोट के प्रचलन में कमी इसलिए आई है क्योंकि 2018-19 में नोटों की छपाई के लिए कोई नया मांगपत्र नहीं रखा गया है। आपको बता दें कि 8 नवंबर 2016 को सरकार ने काले धन पर रोक लगाने के लिए नोटबंदी का फैसला किया था और इस दौरान 500 और 1000 के नोट को बंद करने का फैसला लिया गया था। नोटबंदी के बाद 2000 और 500 रुपए के नोट की एक नई सीरीज पेस की गई थी।