संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। इस दौरान केंद्र सरकार ने पेश करने के लिए जिन बिलों को सूचीबद्ध किया है उनमें से एक बिल बिजली क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। इस बिल में बिजली कंपनियों के कामकाज से लेकर ग्राहकों से वसूलने वाले बिजली के बिल को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं। इस बिल में सब्सिडी को ग्राहकों के खाते में ट्रांसफर करने की भी बात कही गई है।क्या है विद्युत संशोधन बिल 2021
विद्युत संशोधन विधेयक मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किए जाने को लेकर सूचीबद्ध था लेकिन इसे पेश नहीं किया गया। इस बिल में देश में बिजली वितरण कारोबार को लाइसेंस मुक्त करने का प्रावधान किया गया है। एक बार बिल के कानून बन जाने पर बिजली वितरण को लाइसेंस से मुक्त कर दिया जाएगा और ग्राहकों के पास दूरसंचार क्षेत्र की तरह बिजली आपूर्ति सेवा प्रदाताओं को चुनने का विकल्प होगा। बिल का उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र में निजी और सरकारी एकाधिकार को समाप्त करना है।
ग्राहकों को होगा काफी फायदा
बिजली उपभोक्ताओं के पास अभी दूसरे कंपनी को चुनने का विकल्प नहीं होता है। लेकिन अगर यह बिल पास हो जाता हैतो उपभोक्ताओं या कहें ग्राहकों के पास दूरसंचार क्षेत्र की तरह दूसरी कंपनियों को चुनने का विकल्प होगा। हालांकि मौजूदा बिजली वितरण कंपनियां भी अपनी सेवाएं जारी रख सकेंगी। इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं जैसे आपका घर एक मोबाइल फोन है और आपके घर में इस्तेमाल होने वाली बिजली सिम कार्ड… ऐसे में अगर आप जिस बिजली कंपनी की बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं। वो महंगी लग रही है या फिर वो अच्छी सेवाएं नहीं दे पा रही है तो आप मोबाइल फोन में पहली कंपनी की सिम को हटाकर दूसरी कंपनी की सिम लगा सकते हैं, ठीक उसी प्रकार दूसरी बिजली कंपनी की सेवाएं ले पाएंगे।
इसके अलावा इस बिल के माध्यम से ग्राहकों की शक्तियां भी बढ़ाई जा रही हैं। अगर कोई बिजली कंपनी बिना बताए हुए बिजली का कनेक्शन काटती हैं तो उन्हें ग्राहकों को इसका हर्जाना देना चाहिए।