टीएमसी प्रमुख व बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के केंद्रीय राजनीति में सक्रिय होने को देखते हुए भाजपा ने कांग्रेस पर तंज किया है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व बंगाल के नेता दिलीप घोष ने कांग्रेस-तृणमूल के बीच बढ़ते फासले को लेकर कहा कि सोनिया गांधी का समय पूरा हो चुका है। अब ममता बनर्जी विपक्ष का नेतृत्व करना चाहती हैं।
घोष ने यह भी कहा कि विपक्ष का ये नाटक काफी पुराना है। विपक्ष की हर पार्टी चाहती है कि वह नेतृत्व करे। ममता बनर्जी भी विपक्ष की नेता बनना चाहती हैं।
मुंबई में हैं ममता बनर्जी
दरअसल ममता बनर्जी बीते कुछ महीनों से दिल्ली से लेकर कोलकाता तक राष्ट्रीय राजनीति के मुद्दे पर सक्रिय हैं। मंगलवार से वह तीन दिनी मुंबई दौरे पर हैं। जहां वह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा प्रमुख शरद पवार व अन्य नेताओं से मिलकर भाजपा के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने का प्रयास करेंगी। हालांकि अभी ममता ने कांग्रेस से दूरी बनाए रखी है।
कांग्रेस से बना रखी है दूरी
सोमवार से शुरू हुए शीतकालीन सत्र को लेकर भी कांग्रेस और टीएमसी के बीच खींचतान खुलकर सामने आई है। इससे पहले भी दोनों के बीच दूरियां काफी बढ़ी हुई थीं। कांग्रेस नेताओं के तेजी से टीएमसी के दामन थामने से दोनों के रिश्तों में खटास आई है।
ऐसे में टीएमसी ने तो संसद सत्र को लेकर कांग्रेस द्वारा बुलाई गई बैठक में हिस्सा लिया और न ही केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस समेत दूसरी पार्टियों के साथ शामिल हुई। कांग्रेस ने यह बैठक शीतकालीन सत्र को लेकर विपक्ष की साझा रणनीति बनाने के लिए बुलाई थी।
टीएमसी पर सवाल उठा रही कांग्रेस, भाजपा से सांठगांठ का आरोप
उधर, कांग्रेस की तरफ से टीएमसी पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। पिछले दिनों कांग्रेस ने कहा था कि टीएमसी किसानों के मुद्दे पर मिली जीत का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है जबकि वह इस लड़ाई में कहीं थी ही नहीं। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि टीएमसी और भाजपा ने अंदरूनी सांठगांठ कर रखी है। टीएमसी डबल गेम खेल रही है।
अगस्त में सोनिया गांधी से मिली थीं ममता बनर्जी
इसी साल अगस्त में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और कांग्रेसी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच में मुलाकात हुई थी। तब दोनों की ही तरफ से बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ने का संकेत मिला था। तब ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए, लेकिन उसके बाद कांग्रेस टीएमसी करीब आने की बजाए दूर होते जा रहे हैं।