कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट का भारत में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। यह जानकारी एक सरकारी अधिकारी ने सोमवार को दी। कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन (बी.1.1.529) वैरिएंट पिछले सप्ताह दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था और तब से कई देशों में फैल चुका है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ कन्सर्न’ बताया है और इससे खतरे के स्तर को ‘बहुत उच्च’ की श्रेणी में रखा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश में ओमिक्रॉन से संक्रमण का अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है और इन्साकॉग स्थिति पर करीबी से नजर बनाए हुए है।ऐसे अंतरराष्ट्रीय यात्री जो कोरोना वायरस से संक्रमित मिल रहे हैं उनके सैंपल के जीनोमिक विश्लेषण के परिणामों का अध्ययन किया जा रहा है। केंद्र ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों, खास तौर पर इस वैरिएंट से प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों के लिए संशोधित व सख्त दिशानिर्देश भी जारी किए थे।केंद्र सरकार की ओर से संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जो लोग इस वायरस से प्रभावित देशों से आ रहे हैं यहां पहुंचने पर कोरोना जांच करवानी होगी और परिणाम आने तक एयरपोर्ट पर ही इंतजार करना होगा। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उन्हें सात दिन होम क्वारंटीन में रहना होगा। आठवें दिन फिर जांच की जाएगी। इस बार भी निगेटिव आने पर उन्हें सात दिन के लिए खुद स्वास्थ्य पर नजर रखने को कहा जाएगा। इसके अलावा यात्री के लिए 14 दिन की यात्रा जानकारी देना और यात्रा से पहले एयर सुविधा पोर्टल पर निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपलोड करना अनिवार्य होगा।ओमिक्रॉन वैरिएंट से खतरे की आशंकाओं के बीच एक समय में इस महामारी से देश में सबसे अधिक प्रभावित रहे राज्य महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई। यहां उन्होंने उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की ट्रैकिंग को लेकर चिंता जताई जो सीधे मुंबई नहीं उतरेंगे और फिर किसी अन्य साधन से राज्य में प्रवेश करेंगे।उन्होंने कहा कि इसमें आसानी होती अगर ऐसे यात्रियों के बारे में जानकारी साझा की जाए। ठाकरे ने कहा कि विदेश से आने वाले जो लोग मुंबई या किसी अन्य एयरपोर्ट पर नहीं उतरते हैं और फिर ट्रेन या बस से प्रदेश में आते हैं, उनकी जांच कैसे की जाएगी, प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी होनी चाहिए। बैठक में नए वैरिएंट पर भी चर्चा की गई।