नई दिल्ली। सहकारी क्षेत्र की उर्वरक कंपनी इफको IFFCO) ने शुक्रवार को कहा कि उसका दूसरा ऑक्सीजन संयंत्र उत्तर प्रदेश के बरेली में बन रहा है और 30 मई से परिचालन में आ जाएगा। इस संयंत्र से राज्य और आसपास के क्षेत्रों में अस्पतालों को मुफ्त में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। इफको देश में करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से चार ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित कर रही है। दो ऑक्सीजन संयंत्र उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे। इसमें एक बरेली और दूसरा प्रयागराज के फूलुपर में स्थापित किया जाएगा।
इसके अलावा दो संयंत्र पारादीप ओड़िशा) और कलोल गुजरात) में स्थापित किए जाएंगे। इफको के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूएस अवस्थी ने ट्विटर पर लिखा कि देश में चिकित्सा स्तर के ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए, इफको ने उत्तर प्रदेश के बरेली में दूसरा ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने का आदेश दिया है। बरेली में लगने वाले ऑक्सीजन संयंत्र की क्षमता 130 घन मीटर प्रति घंटा होगी और 30 मई तक चालू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इफको ऑक्सीजन सिलेंडर उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों के अस्पतालों को मुफ्त में उपलब्ध कराएगी।
अस्पतालों को रिफिल के लिए अपना सिलेंडर लाने की जरूरत होगी। अगर सिलेंडर इफको से लिया जाता है, तो जमा के तौर पर सुरक्षा राशि ली जाएगी। अवस्थी के अनुसार फूलपुर और पारादीप में भी ऑक्सीजन संयंत्रों पर तेजी से काम चल रहा है।
सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद अस्पतालों में ऑक्सीजन की हो रही तंगी
चिकित्सा ऑक्सीजन का बिना रुकावट उत्पादन और आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी बनी हुई है। अपोलो हॉस्पिटल्स की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। रेड्डी प्रतिद्धंदी अस्पताल मैक्स हेल्थकेयर द्वारा किए गए एक ट्वीट का जवाब दे रही थीं। इस ट्वीट में कहा गया था कि मैक्स स्मार्ट हॉस्पिटल और मैक्स हॉस्पिटल साकेत के पास एक घंटे से भी कम समय की ऑक्सीजन आपूर्ति बची हुई है।
रेड्डी ने केन्द्रीय मंत्रियों, दिल्ली के मुख्यमंत्री और अन्य राज्य मंत्रियों को टैग करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि सरकार के आदेशों के बावजूद अस्पतालों को सांस लेने के लिए हांफना पड़ रहा है। अस्पतालों के लिए अब यह हर घंटे वाली चुनौती बन गई है। जो प्रतिबद्धता जताई गई है उसमें होने वाली हर मिनट की देरी के लिए जीवन का नुकसान भुगतना पड़ सकता है। इससे पहले मैक्स हेल्थकेयर ने संकटपूर्ण स्थिति बताते हुए ट्वीट किया था एसओएस- मैक्स स्मार्ट हॉस्पिटल और मैक्स हॉस्पिटल साकेत में एक घंटे से भी कम समय की ऑक्सीजन बची है। केन्द्र सरकार ने राज्यों को चिकित्सा ऑक्सीजन के उत्पादन और आपूर्ति कार्य को बिना किसी बाधा के किए जाने के आदेश दिए हैं। राज्यों से कहा गया है कि वह अपनी सीमाओं के आसपास परिवहन में कोई बाधा नहीं आने दें। केन्द्र ने कहा है कि राज्य सीमाओं पर परिवहन में होने वाली किसी भी बाधा के लिए वहां के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस सुपरिंटेंडेंट को जवाबदेह माना जाएगा।