हजरतगंज में विधानभवन के पास शनिवार सुबह एक किसान ने अपने शरीर पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। पुलिसकर्मियों ने आग बुझाकर युवक को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया। कुछ देर बाद होश में आने पर उसने बताया कि वह उन्नाव के हसनगंज क्षेत्र के मलझा गांव का रहने वाला महेश (50) है। जमीन के विवाद के मामले में सुनवाई न होने और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ न मिलने से क्षुब्ध होकर उसने ये कदम उठाया है।
एडीसीपी (मध्य) राघवेंद्र मिश्र ने बताया कि मामले की जानकारी उन्नाव पुलिस और प्रशासन को दे दी गई है। डॉक्टरों ने महेश के 40 फीसदी झुलसने की बात कही है। इंस्पेक्टर हजरतगंज श्यामबाबू शुक्ल ने बताया कि महेश शनिवार सुबह साइकिल से हजरतगंज आया था। पैतृक संपत्ति को लेकर महेश का परिवार के ही सुखलाल से करीब 20 साल से विवाद चल रहा है। सीओ चकबंदी के यहां उनका मामला लंबित है।
उन्नाव के डीएम-एसपी पहुंचे अस्पताल
महेश के आग लगाने की सूचना मिलते ही उन्नाव के डीएम रविंद्र कुमार व एसपी दिनेश त्रिपाठी तत्काल लखनऊ पहुंचे। अधिकारियों ने महेश से बातचीत की तो उसने बताया कि उसके पास करीब डेढ़ बीघा जमीन है, जिस पर भाई सुखलाल कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा भी नहीं मिल सका। कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। उन्नाव से सीओ राजकुमार शुक्ल व हसनगंज इंस्पेक्टर महेश चंद्र भी सिविल अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने भी पूरे मामले की जानकारी ली।
उन्नाव पुलिस को दी गई मामले की जानकारी
इस वजह से भी था परेशान
एसडीएम हसनगंज ने जानकारी दी कि महेश के खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना व मनरेगा के तहत 1.45 लाख रुपये भेजे गए थे। गांव के एक अन्य महेश के खाते में 1.20 लाख रुपये आए थे, मगर इस राशि से गलती से 40 हजार रुपये पीड़ित महेश के खाते में चले गए थे। जांच में इसकी जानकारी होने पर अधिकारियों ने पीड़ित महेश के खाते से 40 हजार की इस धनराशि की निकासी पर रोक लगा दी थी। महेश इस रकम को अपना पैसा मान रहा था, इसी वजह से वह परेशान था। एसडीएम के मुताबिक, मामले की जांच कराने के साथ ही महेश को पूरे मामले से अवगत कराकर समझा दिया गया था। एसडीएम का कहना है कि महेश का पट्टीदार से जमीन विवाद का मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
ठीक नहीं है मानसिक स्थिति
महेश की पत्नी ने जानकारी दी कि पति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसका आशियाना क्षेत्र स्थित एक अस्पताल से इलाज चल रहा है। कुछ समय पहले ही महेश ने प्रधानी का चुनाव भी लड़ा था। उसमें उसे सात मत मिले थे। इसको लेकर वह परेशान था कि चुनाव में काफी रुपये भी खर्च हो गए थे। तभी से मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी।
उधर, महेश के हजरतगंज चौराहे पर आत्मदाह के प्रयास की सूचना मिलते ही उन्नाव से इंस्पेक्टर हसनगंज महेश चंद्र, सीओ राजकुमार शुक्ला और तहसील प्रशासन के अधिकारी उसके गांव पहुंचे। उन्होंने वहां से पूरे मामले की जानकारी हासिल की है।