प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार रात दिल्ली में नए संसद भवन के निर्माण के लिए जारी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) का जायजा लेने पहुंचे. पीएम मोदी रात करीब 8:45 बजे बिना किसी पूर्व सूचना और सुरक्षा के निर्माण स्थल पर पहुंच गए. जानकारी के मुताबिक, वे कंस्ट्रक्शन साइट पर करीब 1 घंटा समय बिताया और नए संसद भवन के निर्माण कार्यों का खुद से जायजा लिया. इस दौरान वे साइट पर वर्कर्स से बात भी करते दिखे. इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन के बीच में सेंट्रल विस्टा का सौंदर्यीकरण हो रहा है और निर्माण कार्य चल रहा है.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाना है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है. प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक 3 किलोमीटर के क्षेत्र को नए सिरे बसाया जा रहा है. ये पूरी परियोजना करीब 20,000 करोड़ रुपए की है.
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में सेंट्रल विस्टा परियोजना की आलोचना करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ऐसे लोग रक्षा कार्यालय परिसरों के मुद्दे पर चुप रहते थे क्योंकि उन्हें मालूम था कि इससे ”भ्रम और झूठ” फैलाने की उनकी कोशिशों की पोल खुल जाएगी. उन्होंने जोर देकर कहा था कि सेंट्रल विस्टा से जुड़ा जो काम आज हो रहा है उसके मूल में ”जीवन की सुगमता” और ”व्यवसाय की सुगमता”की भावना है.
‘रक्षा कार्यालय परिसर का निर्माण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा’
प्रधानमंत्री ने दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू स्थित रक्षा कार्यालय परिसरों के उद्घाटन के अवसर पर यह टिप्पणी की थी. रक्षा कार्यालय परिसर का निर्माण सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है. परिसरों का उद्घाटन करने से पहले प्रधानमंत्री ने परिसर का मुआयना किया था और सेंट्रल विस्टा वेबसाइट की भी शुरुआत की थी.
उन्होंने कहा था कि नवनिर्मित रक्षा कार्यालय परिसर सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है. परियोजना के आलोचकों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”जो लोग सेंट्रल विस्टा परियोजना के पीछे डंडा लेकर पड़े थे… वह बड़ी चालाकी से इस पर चुप रहते थे…. यह (रक्षा कार्यालय परिसर) भी सेंट्रल विस्टा परियोजना का ही एक हिस्सा है, जहां 7,000 से अधिक सैन्य अफसर और कर्मी काम करते हैं….”
कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों ने इस परियोजना पर सवाल उठाए थे और इसे गैर-जरूरी करार दिया था. प्रधानमंत्री ने इस पर कहा, ”उन्हें (आलोचकों) मालूम था कि जो भ्रम फैलाने का इरादा… झूठ फैलाने का इरादा है… जैसे ही यह बात सामने आएगी तो फिर उनकी सारी गपबाजी चल नहीं पाएगी. लेकिन आज देश देख रहा है कि सेंट्रल विस्टा के पीछे सरकार कर क्या रही है. ”