लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट में अब तक करीब 12 लोगों की मौत हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इजराइल ने हजारों पेजर्स में विस्फोटक लगातार इस हमले को अंजाम दिया है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने 5000 पेजर्स में विस्फोटक लगाए थे.
इन पेजर्स को हिजबुल्लाह ने कुछ महीने पहले ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी को ऑर्डर देकर मंगाया था. लेकिन इन पेजर्स के लेबनान पहुंचने से पहले ही इनमें छेड़छाड़ कर बैटरी के पास 3 ग्राम विस्फोटक लगा दिया गया. हिजबुल्लाह को अप्रैल से मई के बीच इन पेजर्स की डिलिवरी हुई थी लेकिन हमले को मंगलवार को क्यों अंजाम दिया गया इसे लेकर भी बड़ा दावा किया जा रहा है.
प्लान लीक होने के डर से किया ब्लास्ट- रिपोर्ट
अमेरिकी वेबसाइट Axios के मुताबिक 3 अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि इजराइल को अपने प्लान के लीक होने का डर था इसलिए उसे पेजर में विस्फोट का फैसला लेना पड़ा.अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक इजराइल ने इस पूरे अभियान को अंजाम देने के बाद अमेरिका को इसकी जानकारी दी है. इजराइल ने बताया है कि उसे डर था कि हिजबुल्लाह को पेजर में विस्फोटक का पता चल सकता है, ऐसे में उसके पास बहुत कम समय बचा था.
Axios की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके वरिष्ठ मंत्रियों, IDF के मुखिया और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर हिजबुल्लाह को पता लगने से पहले पेजर में ब्लास्ट का फैसला लिया. बताया गया है कि इजराइल की चिंता अल-मॉनिटर की एक रिपोर्ट के बाद बढ़ी थी, जिसमें बताया गया कि हिजबुल्लाह के दो लड़ाकों ने पेजर को लेकर संदेह जताया था.
लेबनान में पेजर ब्लास्ट के बाद की तस्वीर. (Houssam Shbaro/Anadolu via Getty Images)
पेजर ब्लास्ट पर अमेरिका ने क्या कहा?
लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट को लेकर अमेरिका ने कहा है कि उसे इसकी जानकारी नहीं थी. अमेरिका ने कहा है कि वह इस हमले में शामिल नहीं था. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम इस घटना के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
वहीं Axios की रिपोर्ट में भी दावा किया गया है कि सोमवार को राष्ट्रपति बाइडेन के मुख्य सलाहकार एमोस होचस्टीन इजराइल दौरे पर थे. इजराइली पीएम नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योव गैलेंट समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने घंटों उन्हें सुरक्षा को लेकर चर्चा की लेकिन किसी ने भी उन्हें पेजर अटैक के प्लान की भनक तक नहीं लगने दी.
पेजर ब्लास्ट: कब-क्या हुआ?
मंगलवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे लोग जब दुकानों पर खरीददारी कर रहे थे, कैफे के अंदर बैठे थे या फिर कारों और मोटरसाइकिल से गुजर रहे थे, तभी उनके हाथ और पॉकेट में रखे पेजर गर्म होने लगे और उनमें विस्फोट हो गया. बताया जा रहा है कि हमले में घायल हुए लोगों में अधिकतर हिज्बुल्लाह के सदस्य थे.
दरअसल लेबनान के सुरक्षा अधिकारियों और हिज्बुल्लाह के अधिकारी के अनुसार विस्फोट विशेषकर उन इलाकों में हुआ जहां हिजबुल्लाह की मौजूदगी मानी जाती है. इसके अलावा सीरिया के कुछ इलाकों में भी पेजर में विस्फोट हुए. सूत्रों के अनुसार कुछ पेजर्स से विस्फोट से पहले बीप की आवाज़ आई, जिसके कारण लड़ाकों ने उन पर अपने हाथ रखे या स्क्रीन की जांच करने के लिए अपने चेहरे के पास लाया और फिर विस्फोट हो गया.
मंगलवार को लेबनान और सीरिया के कई इलाकों में हुए पेजर ब्लास्ट में हजारों लोग घायल हैं. लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 2 बच्चों समेत अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हमले में ईरान के राजदूत मोजतबा अमीनी भी घायल हुए हैं. वहीं सीरिया में 7 लोगों की मौत की खबर है.
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सीरिया तक कैसे पहुंचे हिजबुल्लाह के पेजर?
सूत्रों के अनुसार हिजबुल्लाह ने इन नए पेजर्स को इस्तेमाल करने के लिए अपने लड़ाकों को बांटा था. इसके अलावा इराक और सीरिया में भी हिजबुल्लाह ने अपने कुछ सहयोगियों को नए बैच के इन पेजर्स दिए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक इजराइल ने इन पेजर्स के लेबनान पहुंचने से पहले ही ही छेड़छाड़ की.
बताया जा रहा है कि ताइवान से जब शिपमेंट लेबनान पहुंचा तो बीच में तीन महीने के लिए होल्ड पर था, माना जा रहा है कि इजराइली एजेंसी ने इसी दौरान सभी पेजर्स में विस्फोटक प्लांट किए.ब्लास्ट से पहले सभी पेजर पर Error का मैसेज आया, इस मैसेज के बाद वो वाइब्रेट करने लगा और फिर ब्लास्ट हुआ.
पेजर ब्लास्ट
पेजर बनाने वाली कंपनी ने क्या कहा?
हिजबुल्लाह ने नए बैच के पेजर ताइवान को गोल्ड अपोलो कंपनी से मंगाए थे, लेकिन गोल्ड अपोलो ने बुधवार को जारी एक बयान में इन पेजर्स के निर्माण से इनकार किया है. गोल्ड अपोलो का कहना है कि AR-924 पेजर का निर्माण हंगरी स्थित BAC कंसल्टिंग KFT ने किया था. कंपनी ने कहा है कि सहयोग समझौते के अनुसार BAC को लेबनान और सीरिया में पेजर की बिक्री के लिए गोल्ड अपोलो ब्रांड के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने का अधिकार दिया था. गोल्ड अपोलो के अध्यक्ष सु चिंग-कुआंग ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि उनकी कंपनी का पिछले तीन साल से BAC के साथ लाइसेंस समझौता है, हालांकि उन्होंने अनुबंध से जुड़े साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए हैं.
लेबनान और ईरान ने इजराइल पर बोला हमला
हिजबुल्लाह ने पेजर अटैक के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराते हुए बदला लेने की धमकी दी है. साथ ही हिजबुल्लाह ने बुधवार को जारी किए बयान में कहा है कि वह इजराइल पर पहले की तरह हमले जारी रखेगा. वहीं हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह गुरुवार शाम को पेजर अटैक पर बयान देंगे, पहले बताया जा रहा था कि पेजर अटैक में नसरल्लाह भी घायल हुए हैं, लेकिन रॉयटर्स से बातचीत में हिजबुल्लाह के एक अधिकारी ने खंडन करते हुए कहा है कि हसन नसरल्लाह पूरी तरह सुरक्षित है.हिज्बुल्लाह और लेबनान की सरकार ने इस हमले के लिए इजराइल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि यह एक रिमोट हमला था.
वहीं ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने पेजर ब्लास्ट को लेकर पश्चिमी देशों को घेरा है. उन्होंने कहा है कि इजराइल का समर्थन करने वाले पश्चिमी देशों को शर्म आनी चाहिए. पेजेश्कियान ने कहा कि अमेरिका और पश्चिमी देश यहूदी शासन के अपराधों, हत्या और अंधाधुंध मर्डर को पूरा समर्थन करते हैं. इससे पहले ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने इजराइल को जिम्मेदार ठहराते हुए पेजर ब्लास्ट को आतंकी हमला करार दिया था. कनानी ने इसे सामूहिक हत्या का उदाहरण भी बताया.
मिडिल ईस्ट में बढ़ सकता है संघर्ष-रूस
वहीं रूस ने भी पेजर अटैक को लेकर चेतावनी दी है कि इससे क्षेत्र में संघर्ष और बढ़ सकता है. रूस ने इस हमले के अपराधियों की पहचान करने की अपील की है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि जो कुछ भी हुआ, वह निश्चित तौर पर मिडिल ईस्ट में तनाव को बढ़ाने वाला है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में हालात पहले से ही खराब हैं और ऐसे में इस तरह की हर घटना, स्थिति को नियंत्रण से बाहर करने की क्षमता रखती है. रूस ने कहा है कि पेजर अटैक की गहन जांच होनी चाहिए साथ ही विस्फोट करने वालों की पहचान की जानी चाहिए.
पेजर ब्लास्ट पर इजराइल चुप
वहीं इजराइल की ओर से पेजर ब्लास्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, इजराइल ने न तो आरोपों का खंडन किया है और न ही हमले की जिम्मेदारी ली है. कुल मिलाकर कहा जाए तो इजराइल ने इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साध ली है. ठीक ऐसी ही चुप्पी इजराइल ने हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत पर साधी थी, जब हिजबुल्लाह और ईरान ने इजराइल पर ही इस्माइल हानिया पर हमले का आरोप लगाया था.
हर पेजर में था 3 ग्राम बारूदलेबनान पहुंचने से पहले इजराइल ने किया हैक
पहले भी ऐसे हमले कर चुका है इजराइल
2018 की किताब ‘राइज़ एंड किल फ़र्स्ट’ के अनुसार, इजराइली खुफिया एजेंसी पहले भी दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए इस रणनीति का इस्तेमाल कर चुकी है. साल 1996 में इजराइल की कमांडो टीम और जासूसी एजेंसी शिन बेत ने मोबाइल के जरिए हमास के मुख्य बम निर्माता याह्या अय्याश की हत्या करवाई थी. इजराइली एजेंसियों ने याह्या अय्याश के एक भरोसेमंद शख्स के जरिए विस्फोटक से भरा फोन पहुंचाया, अय्याश ने जब उस फोन का इस्तेमाल किया तो उसमें ब्लास्ट हो गया और उसकी मौत हो गई.