अफगानिस्तान में एक बार फिर ‘तालिबानी राज’ आ गया है. अफगानिस्तान डेमोक्रेटिक पीपल्स पार्टी के नेशनल कमेटी के सदस्य नासिर अहमद शेयरगई ने न्यूज नेशन से बातचीत में कहा कि तालिबान कश्मीर ही नहीं, बल्कि दिल्ली के लिए भी खतरा है. भारत में तकरीबन 25000 अफगानिस्तानी नागरिक रहते हैं, जिनमें से नौ हजार के करीब राजधानी दिल्ली में हैं. हालांकि, इनमें से अधिकांश लोग तालिबान द्वारा सताए गए हैं, लेकिन फिर भी तालिबान पर लोगों की कमी नहीं है, जो आतंकवादियों के लिए स्लीपर सेल के तौर पर काम कर रहे हैं. यह भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है खतरा सिर्फ तालिबानी आतंकवादियों से कश्मीर के लिए नहीं है, बल्कि भारतीय खुफिया एजेंसी को दिल्ली में रह रहे तालिबान परस्त लोगों पर नजर रखने की जरूरत है. यह लोग भी भारत में आतंकी गतिविधि को अंजाम दे सकते हैं.
पाकिस्तान की मदद से अफगानिस्तान में नकली पासपोर्ट बन रहे हैं. हक्कानी जैसे लश्कर की कोशिश है कि भारत में आतंकवादी भेजे जाएं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी तालिबानी आतंकवादी संगठन मिलकर लंबी प्लानिंग कर रहे हैं. इसके तहत भारत में अफगानिस्तानी पासपोर्ट के साथ आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने की योजना है. इससे अफगानिस्तान के आम नागरिकों को भी बड़ा नुकसान है.
तालिबान-पाकिस्तान की साजिश, नशे के जरिए भारत के युवाओं पर वार
तालिबान शासन में पैसे कमाने का सबसे बड़ा जरिया अफीम ही रहने वाला है, विश्व के अलग-अलग देशों के साथ-साथ भारत में भी पाकिस्तान के रास्ते नशे का कारोबार किया जा सकता है. हमारे अफगानी युवाओं को भी इस कारोबार में शामिल करने की योजना है. इसके जरिए पाकिस्तान तालिबान भारत की युवा पीढ़ी को कमजोर बनाना चाहती है. मैं लगातार इसके खिलाफ अफगानिस्तान भारत में काम कर रहा हूं.
मुझे मारने की दी गई सुपारी, हो चुके हैं हमले, दिल्ली में भी सुरक्षित नहीं
मेरे ऊपर कई बार हमला हो चुका है. मुझे मारने की सुपारी दी जा चुकी है, क्योंकि मैं तालिबान के खिलाफ काम करता हूं आपकी देश की राजधानी में भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो चाहते हैं कि ड्रग्स तालिबानी आतंकवाद के ऊपर बात नहीं की जाए ,मुझे भी अपनी जान का खतरा है.