उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के बाद उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि नहीं देने के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर भारतीय जनता पार्टी के हमले के जवाब में सपा ने बुधवार को कहा कि जब सिंह को भाजपा में दरकिनार कर बर्खास्त किया गया था तो इसी पार्टी ने उनका साथ दिया था। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, ”मार्केटिंग इवेंट में भाजपा को राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय कंपनी होना चाहिए। यह भाजपा ही थी जिसने कल्याण सिंह को दरकिनार कर उन्हें बर्खास्त कर दिया था। उस समय समाजवादी पार्टी ने उनकी मदद कर उन्हें उचित सम्मान दिया था।”उन्होंने कहा कि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह उस समय कहां थे, जब कल्याण सिंह को पार्टी ने बर्खास्त किया था। भदौरिया ने कहा कि उन्होंने तब एक शब्द क्यों नहीं बोला, उन्हें शर्म आनी चाहिए। सपा प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा इस मामले पर केवल ‘राजनीति’ कर रही है। उन्होंने कहा, ”हम समाजवादी भावनाओं से जुड़े हैं और हम भावनाओं के साथ राजनीति नहीं करते हैं।” वह भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें मंगलवार को उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव के भाजपा नेता कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि नहीं देने की वजह मुस्लिम वोट बैंक तो नहीं है?उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिये समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के न आने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मंगलवार को उन पर तंज कसते हुये कहा कि कहीं मुस्लिम वोट बैंक के मोह में तो उन्होंने ऐसा नही किया। हिन्दुत्व का प्रमुख चेहरा और लोध जाति के नेता, कल्याण सिंह उस समय राज्य के मुख्यमंत्री थे जब 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ‘कार सेवकों’ ने ध्वस्त कर दिया था। स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को ट्वीट किया था, ”अखिलेश जी अपने आवास से मात्र एक किलोमीटर दूर माल एवेन्यू में कल्याण सिंह जी ‘बाबूजी’ को श्रद्धांजलि देने नहीं आ सके..कहीं मुस्लिम वोट बैंक के मोह ने उन्हें पिछड़ों के सबसे बड़े नेता को श्रद्धांजलि देने से तो नहीं रोक लिया?”कल्याण सिंह के निधन पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। लेकिन न तो यादव और न ही उनकी पार्टी का कोई बड़ा नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचा, वहीं बहुजन समाज पार्टी नेता मायावती कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन करने उनके आवास पहुंची थीं। कुछ समय के लिये कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़ने के बाद अपना दल बनाया था और उन्होंने मुलायम सिंह यादव के साथ राजनीतिक गठजोड़ भी किया था। हालाँकि यह दोस्ती कुछ दिन ही चली थी और बाद में उनकी राहें जुदा हो गयीं।