भारत और मालदीव में तनावपूर्ण हालात के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले दिनों द्वीप देश की यात्रा की थी। इस यात्रा के बाद मालदीव ने चीन को झटका देते हुए भारत की जमकर तारीफ की।इस दौरान, भारत और मालदीव के बीच कुछ ऐसे समझौते हुए जिसको लेकर सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाई जाने लगी। भारत और मालदीव ने संयुक्त रूप से मालदीव के 28 द्वीपों में जल और सीवरेज नेटवर्क की परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। इसके बाद सोशल मीडिया के कई अकाउंट्स पर दावा किया गया कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव के 28 द्वीपों को भारत को सौंपने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं इन पोस्ट्स को पीआईबी ने फैक्ट चेक किया है। उसने 28 द्वीपों को भारत को सौंपे जाने वाले दावे को फेक करार दिया है। पीआईबी फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट किया, ”कई सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया है कि मालदीव ने 28 द्वीपों को भारत को सौंपने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह दावा फर्जी है। दरzअसल, भारत और मालदीव ने मालदीव के 28 द्वीपों में जल और सीवरेज नेटवर्क के प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की है।”बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मालदीव के 28 द्वीपों में भारत के वित्तपोषण वालीं 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर की व्यापक जल एवं स्वच्छता परियोजनाएं शनिवार को पड़ोसी देश को सौंप दी थीं। जयशंकर ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में डिजिटल माध्यम से परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। इस दौरान मुइज्जू और मालदीव के विदेश मंत्री ने जयशंकर का आभार जताया था। भारतीय एक्ज़िम बैंक द्वारा भारतीय ऋण सुविधा के तहत 28 द्वीपों में जल और स्वच्छता परियोजनाओं को जयशंकर ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से मालदीव में क्रियान्वित सबसे बड़ी जलवायु अनुकूलन परियोजना बताया।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि इस परियोजना के जरिए मालदीव सरकार को जलवायु अनुकूल और किफायती जल व सीवर सिस्टम की स्थापना करके अपने सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में मदद मिली है।” मुइज्जू ने समारोह के बाद ‘एक्स’ पर लिखा कि आज डॉक्टर एस. जयशंकर से मुलाकात करना और मालदीव के 28 द्वीपों में जल व सीवर परियोजनाओं के आधिकारिक हस्तांतरण में उनका शामिल होना खुशी की बात है। उन्होंने जयशंकर से मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ”मैं मालदीव का हमेशा समर्थन करने के लिए भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं।”