भारत में 1950 से 2015 तक 65 सालों के अंतराल में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इस अवधि में देश की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी में 6 पर्सेंट की गिरावट आ गई।
यही नहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे दूसरे देशों की तुलना करें तो वहां बहुसंख्यक मुस्लिमों की आबादी में हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। स्टडी के अनुसार एक तरफ भारत में हिंदुओं की हिस्सेदारी घट गई है तो वहीं अल्पसंख्यक मुस्लिमों, ईसाई, बौद्ध और सिखों की आबादी में इजाफा हुआ। वहीं हिंदुओं के अलावा जैन और पारसियों की भी आबादी में हिस्सेदारी इस अवधि में घटी है।
स्टडी के अनुसार इस अवधि में आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 5 फीसदी बढ़ी है। इसके अलावा ईसाइयों की हिस्सेदारी में 5.38 पर्सेंट, सिखों की 6.58 पर्सेंट बढ़ी है। यही नहीं बौद्धों की हिस्सेदारी भी बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार 1950 में भारत की जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी 84 फीसदी थी। अब देश की जनसंख्या में हिंदू 78 फीसदी हैं। मुसलमान 65 साल पहले भारत की आबादी के 9.84 फीसदी थे, जो अब बढ़कर 14.09 पर्सेंट हो गए हैं। म्यांमार के बाद भारत अपने आसपास के देशों में दूसरे नंबर पर है, जिसके बहुसंख्यक समाज की आबादी में कमी आई है।
म्यांमार में इस अवधि में बहुसंख्यक बौद्ध समुदाय की आबादी में हिस्सेदारी 10 फीसदी तक कम हुई है। वहीं भारत में हिंदुओं की आबादी में हिस्सेदारी 7.8 पर्सेंट घट गई है। भारत और म्यांमार के अलावा नेपाल की भी ऐसी ही स्थिति है। नेपाल में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी में हिस्सेदारी 3.6 फीसदी कम हो गई है। पीएम की आर्थिक सलाहकार समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुल 167 देशों का अध्ययन किया है। स्टडी में कहा गया है कि दुनिया के ट्रेंड को देखते हुए भारत में एक स्थिरता पाई गई है। स्टडी का कहना है कि भारत में अल्पसंख्यकों को न सिर्फ संरक्षण प्राप्त है बल्कि उनकी जनसंख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
बांग्लादेश और पाकिस्तान में तेजी से बढ़े बहुसंख्यक मुसलमान
बता दें कि एक तरफ भारत की आबादी में बहुसंख्यक हिंदुओं का शेयर घटा है। वहीं पड़ोसी बांग्लादेश और पाकिस्तान में बहुसंख्यक मुस्लिमों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बांग्लादेश में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 18.5 पर्सेंट बढ़ गई है। वहीं पाकिस्तान में यह इजाफा 3.75 पर्सेंट का है। अफगानिस्तान में 0.29 पर्सेंट इजाफा हुआ है। यहां एक तथ्य गौरतलब है कि बौद्ध बहुल आबादी वाले भूटान और श्रीलंका में भी बहुसंख्यकों की आबादी में इजाफा हुआ है। भूटान में बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में हिस्सेदारी 65 सालों में 17.6 पर्सेंट बढ़ी है, जबकि श्रीलंका में यह आंकड़ा 5.25 पर्सेंट का है।