स्वदेशी तेजस एमके 1ए विमान श्रृंखला के पहले विमान एलए 5033 ने गुरुवार को बेंगलुरु के एचएएल फेसेलिटी से सफलतापूर्वक उड़ान भरी। भू-राजनीतिक कारणों से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, एचएएल विमान के डिजाइन और विकास के साथ-साथ इस मील के पत्थर को हासिल करने में कामयाब रहा।भारत के इस कदम से दुश्मन देशों की सिट्टी-पिट्टी गुम होने वाली है। तेजस जैसे हल्के लड़ाकू विमानों की लगातार टेस्टिंग और इन्हें सेना में शामिल किए जाने से देश की सुरक्षा में लगातार इजाफा हो रहा है।
मील का पत्थर होगा साबित
एचएएल के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने चुनौतियों के मद्देनजर इस उपलब्धि के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “एचएएल ने फरवरी 2021 में अनुबंध पर हस्ताक्षर के बाद वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल में प्रमुख आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों के बीच समवर्ती डिजाइन और विकास के साथ इस महत्वपूर्ण उत्पादन मील का पत्थर हासिल किया।”
विमान में लगे उन्नत उपकरण
18 मिनट की उड़ान का संचालन मुख्य परीक्षण पायलट, ग्रुप कैप्टन केके वेणुगोपाल (सेवानिवृत्त) ने किया। एचएएल ने तेजस एमके 1ए कार्यक्रम की सफलता में योगदान के लिए रक्षा मंत्रालय, भारतीय वायु सेना, डीआरडीओ/एडीए, सीईएमआईएलएसी, डीजीएक्यूए और एमएसएमई सहित विभिन्न हितधारकों के प्रति आभार व्यक्त किया। माना जा रहा है कि तेजस एमके 1ए में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक रडार, युद्धकला, संचार प्रणाली, अतिरिक्त लड़ाकू क्षमताएं और बेहतर रखरखाव सुविधाएं होंगी, जिससे इसके समग्र प्रदर्शन और प्रभावशीलता में वृद्धि होगी।
एचएएल ने वायुसेना को पहला तेजस ट्विन सीटर ट्रेनर विमान कुछ समय पहले सौंपा हैं। तेजस ट्विन सीटर ट्रेनर विमान एक हल्का विमान है। इसकी एक बड़ी खासियत यह भी है कि यह विमान किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को कुल 18 ट्विन सीटर विमान का ऑर्डर दिया गया था। भारतीय वायुसेना द्वारा दिए गए इस आर्डर में से 8 विमान अगले साल तक दे दिए जाने हैं। शेष 10 विमानों को 2026-27 तक इंडियन एयर फोर्स के सुपुर्द किया जाएगा।