दिल्ली के शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल का पहला बयान सामने आया है। इसमें वह बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलती नजर आ रही हैं।उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर चुप्पी तोड़ते हुए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जोरदार हमला बोला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने सत्ता के अहंकार में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करवाया है।उन्होंने एक्स पर लिखा, आपके 3 बार चुने हुए मुख्यमंत्री को मोदीजी ने सत्ता के अहंकार में गिरफ्तार करवाया। सबको कुचलने में लगे हैं। यह दिल्ली के लोगो के साथ धोखा है। आपके मुख्यमंत्री हमेशा आपके साथ खड़े रहें हैं।अंदर रहें या बाहर, उनका जीवन देश को समर्पित है। ये जनता जनार्दन है सब जानती है।जय हिन्दये पहली बार है जब सुनीता अग्रवाल इस तरीके से केंद्र सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आईं और अपनी बात रखी। इससे पहले उन्हें केवल अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेताओं के विचारों को ही आगे रखते हुए देखा गया है। ऐसे में अब केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।दरअसल इस बात की काफी समय से चर्चा थी कि अगर केजरीवाल के खिलाफ ईडी कोई कार्रवाई करती है तो उनकी पत्नी दिल्ली सरकार या पार्टी की कमान संभाल सकती है। हालांकि पार्टी की ओर से इस बारे में कभी कुछ नहीं कहा गया। उधर केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद भी दिल्ली सरकार के नेतृत्व पर संकट पैदा हुआ तो सबसे पहले उनकी पत्नी और पूर्व आईआरएस सुनीता केजरीवाल का नाम ही उनके विकल्प के तौर पर सामने आया। हालांकि आम आदमी पार्टी लगातार यही कह रही है कि केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से सरकार चलाएंगे।केजरीवाल की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब लोकसभा चुनावों में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली, पंजाब, गुजरात, असम और हरियाणा में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। केजरीवाल को यहां स्टार प्रचारक के रूप में शामिल होना था। ऐसे में पार्टी के लिए केजरीवाल का विकल्प ढूंढना बहुत जरूरी है। इसके लिए सुनीता केजरीवाल के साथ-साथ आतिशी और सौरभ भारद्वाद का नाम भी काफी चर्चा में है।इससे पहले झारखंड में भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी जब पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी थी। तब उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा थी। हालांकि हेमंत सोरेन के बड़े भाई की पत्नी सीता सोरेन के विरोध करने पर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सका। इसके चंपाई सोरेन को सरकार की कमान सौंपी गई। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले ही कल्पना सोरेन सक्रिय राजनीति में एंट्री लेकर सबको चौंका दिया था।