झारखंड सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन को लेकर बड़ा फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए योग्यता आयु 60 से घटाकर 50 साल कर दी है। यानी अब 50 साल की उम्र वाले लोगों को भी वृद्धावस्था पेंशन मिलेगी।इस बात का ऐलान खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोगों को जो वृद्धावस्था पेंशन पहले 60 साल की उम्र से दी जाती थी, उसकी आयु सीमा घटाकर अब 50 वर्ष कर दी गई है।दरअसल हमेंत सोरेन की सरकार को आज 4 साल पूरे हो गए हैं। इसी मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें सरकार का चार साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए उन्होंने कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा, 20 सालों में पिछली सरकार ने करीब 20 लाख लोगों को ही पेंशन दी। लेकिन सोरेन सरकार ने केवल चार सालों में 36 लाख 20 हजार लोगों को पेंशन दी है। उन्होंने कहा, आज झारखंड में कई ऐसे घर हैं जहां पिता 98 साल के हैं औरे बेटा 60 साल का है और दोनों को पेंशन मिल रही है। बुजुर्ग विधवा को भी पेंशन मिल रही है। अब आदिवासी लोगों को भी 60 के बजाए 50 साल की उम्र में पेंशन दी जाएगी।
नौकरियों को लेकर बड़ा ऐलान
इसके अलावा झारखंड के लोगों के लिए नौकरियों को लेकर भी सीएम हेमंत सोरेन ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि जो भी कंपनियां झारखंड में ऑफिस स्थापित करेंगी, उनमें 75 फीसदी जगह स्थानीय लोगों के लिए रिजर्व रहेगी।सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का सबसे गरीब राज्य है और यह कोविड-19 और सूखे से जूझ रहा है, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार में कोई अराजकता नहीं है। उन्होंने दावा किया कि झारखंड जैसे गरीब राज्यों ने दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की और महामारी के दौरान गरीब मजदूरों को बचाया गया। इसी दौरान दो मंत्रियों की जान चली गई।