आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बनाए गए विपक्षी गठबंधन इंडिया की बीते दिन दिल्ली में अहम बैठक हुई। इस मीटिंग में कांग्रेस, जेडीयू, आम आदमी पार्टी समेत 28 विपक्षी दलों के नेता पहुंचे।
बैठक में फैसला लिया गया कि जल्द से जल्द विपक्षी दलों के बीच सीटों का बंटवारा किया जाएगा। इस बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे को पीएम कैंडिडेट बनाने की भी मांग की गई। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने किस चेहरे को उतारा जाए, इस पर भी चर्चा की गई। पहला नाम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का आया और दूसरा नाम नीतीश कुमार का। दोनों के नाम को लेकर बैठक में प्रस्ताव दिया गया।
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अब तक वाराणसी से पीएम मोदी के सामने चुनाव लड़ने को लेकर दो नामों का प्रस्ताव दिया गया। प्रियंका गांधी के अलावा दूसरा नाम नीतीश कुमार का है। नीतीश कुमार को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे वाराणसी से चुनाव लड़ सकते हैं। 24 दिसंबर को उनकी एक रैली का भी वाराणसी में आयोजन होना था। हालांकि, जगह नहीं मिलने की वजह से बाद में रैली को स्थगित करना पड़ा। इस बीच, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्षी नेताओं को वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दे दी। उन्होंने कहा कि मैं इंडी गठबंधन को खुली चुनौती देता हूं, किसी भी दल का कोई नेता वाराणसी में जाकर पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ ले, फिर पता चल जाएगा कि वह क्या हैं।
वाराणसी में 1991 से बीजेपी का राज रहा है। सिर्फ 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वहां हार का सामना करना पड़ा था। वहीं 2014 और 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा और दोनों बार शानदार जीत दर्ज की। साल 2019 में वाराणसी से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलें लगी थीं, लेकिन जब कांग्रेस ने टिकट का ऐलान किया था तो अजय राय को पीएम मोदी के खिलाफ उतारा। पिछले लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को 674,664 वोट मिले थे, जबकि सपा की ओर से शालिनी यादव को 195,159 और कांग्रेस के अजय राय को 152,548 वोट मिले।
‘खरगे को बनाया जाए पीएम कैंडिडेट’
इंडिया गठबंधन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पीएम कैंडिडेट बनाने का प्रस्ताव ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने रखा। इस पर खरगे ने जवाब देते हुए कहा कि ध्यान 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने पर होना चाहिए। खरगे ने जवाब में कहा, “हमारी प्राथमिकता पहले जीतना है। पीएम कौन बनेगा इस पर बाद में चर्चा हो सकती है। अगर सांसद ही नहीं हैं तो पीएम के बारे में बात करने का क्या फायदा? हमें पहले एकजुट होकर लड़ने और बहुमत लाने की कोशिश करनी चाहिए।”