इजरायल और हमास के बीच एक सप्ताह का युद्ध विराम खत्म होते ही गाजा में फिर तबाही मच गई है। शुक्रवार को समझौता टूटते ही इजरायल ने ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए हैं। शनिवार और रविवार को उसने इतने ज्यादा मिसाइल अटैक किए कि दो ही दिन में 700 लोगों की मौत हो गई।
यही नहीं एजेंसियों का कहना है कि गाजा के किसी भी इलाके में रहना अब सुरक्षित नहीं है। इजरायल की सेना गाजा में अब उत्तर और दक्षिण दोनों तरफ से हमले बोल रही है। इजरायली चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हेरजी हलेवी का कहना है कि उनकी सेना दोनों दिशाओं से अटैक कर रही है।
वीकेंड पर दोनों तरफ से इजरायली सैनिकों ने धावा बोला है। यही नहीं एक तरफ इजरायल मिसाइलों से अटैक कर रहा है तो कई इलाकों में सेना जमीनी लड़ाई में भी जुटी है। इजरायली हमलों में अब तक 15,500 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है। इनमें 280 मेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं। इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से जंग जारी है। इसी दिन हमास ने इजरायल पर हमला किया था। हालांकि बीच में बंधकों और कैदियों की अदला-बदली के लिए दोनों के बीच एक सप्ताह का युद्ध विराम हुआ था, जो अब समाप्त हो गया है।
इस बीत संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग का कहना है कि अब गाजा में कहीं भी ऐसा इलाका नहीं बचा है, जहां लोग शरण ले सकें। संस्था का कहना है कि गाजा के जाबालिया इलाके में एक 6 मंजिला इमारत पर भी इजरायल ने अटैक किया है। इस बिल्डिंग में शरणार्थी ठहरे हुए थे। कहा जा रहा है कि इस हमले में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के नए अनुमान के मुताबिक गाजा की 75 फीसदी आबादी यानी 18 लाख लोगों को पलायन करना पड़ा है। ये लोग बेहद खराब हालात में रह रहे हैं, जहां उन्हें खाने से लेकर शौच तक की समस्या झेलनी पड़ रही है।
गौरतलब है कि युद्ध विराम खत्म होने के बाद इजरायल ने फिर से हमास को जड़ से खत्म करने का दम भरा है। इजरायल का कहना है कि हम चाहते हैं कि हमास को खत्म कर दिया जाए। वह हमारे अस्तित्व के लिए खतरा है और उसे नजरअंदाज करना गलती होगा। पहले भी बेंजामिन नेतन्याहू कह चुके हैं कि हमास के खतरे को कम आंकना हमारी भूल था।