आम आदम पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सोमवार को भी बहस पूरी नहीं हो सकी। मंगलवार को एक बार फिर इस मामले में दलीलें रखी जाएंगी।
जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हुए अडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कई सवाल किए। इस दौरान एक बार कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी को अनंतकाल तक जेल में नहीं रखा जा सकता है।
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने कहा कि किसी व्यक्ति को अनंतकाल तक सिर्फ इसलिए जेल में नहीं रखा जा सकता है कि ट्रायल कोर्ट में आरोपों पर सुनवाई शुरू नहीं हुई है। जस्टिस खन्ना ने कहा, ‘आरोपों पर बहस क्यों नहीं शुरू हुई है? आप किसी को अनंतकाल तक जेल में नहीं रख सकते हैं, क्योंकि आपको विश्वास नहीं है कि कब आरोपों पर बहस कर सकते हैं। चार्जशीट दायर हो गई है तो बहस की शुरुआत हो जानी चाहिए।’
इसके बाद एएसजी ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी कहा कि शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाने का फैसला किया गया है। इस पर कोर्ट ने मंगलवार को यह साफ करने को कहा है कि ‘आप’ पर भी समान आरोप होंगे या अलग। इससे पहले सुनवाई शुरू होने पर कोर्ट ने कहा कि पिछली बार जब उन्होंने कुछ सवाल किए थे तो वे निष्कर्ष नहीं थे, बल्कि कुछ समझने के लिए प्रश्न किए गए थे। इस पर एएसजी ने कहा कि यह एक्टिव मीडिया का दौर है। गौरतलब है कि कोर्ट ने सिसोदिया के खिलाफ सबूत को लेकर ईडी से कुछ सवाल किए थे।
गौरतलब है कि 2021 की आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार पर शराब घोटाले के आरोप लगाए गए हैं। कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मनीष सिसोदिया को इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में हैं। सिसोदिया को निचली अदालत और हाई कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई थी। उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।