राज्यसभा से निलंबन को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। चड्ढा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि राघव चड्ढा को 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित किया गया था।
उनके खिलाफ चार सांसदों ने विशेषाधिकार भंग की शिकायत की थी।
इससे पहले राघव चड्ढा ने राज्यसभा सचिवालय को उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली कराने से रोकने वाला अंतरिम आदेश रद्द करने के निचली अदालत के फैसले को मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उनकी इस याचिका को मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए पेश किया गया जो बुधवार को इसे सूचीबद्ध करने पर राजी हो गयी। चड्ढा की वकील ने कहा कि संसद सदस्य को एक नोटिस दिया गया और बंगला खाली कराने की कार्यवाही जारी है। उन्होंने इससे पहले कहा कि निचली अदालत की ओर से रोक लगायी गयी थी, लेकिन इसे अब हटा लिया गया है।
निचली अदालत ने पांच अक्टूबर को आदेश दिया था कि ‘आप’ नेता राघव चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि आवंटन रद्द होने के बाद भी उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगले पर कब्जा कायम रखने का पूर्ण अधिकार है। अदालत ने 18 अप्रैल को पारित उस अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा को सरकारी बंगले से बेदखल नहीं करने का निर्देश दिया गया था। निचली अदालत ने कहा कि चड्ढा को अंतरिम राहत दी गई थी कि उन्हें कानूनी प्रक्रिया के बिना आवास से बेदखल नहीं किया जाएगा।