कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने कारगिल के लद्दाख में हुए स्वायत्त पहाड़ी परिषदीय चुनावों में भाजपा को हरा दिया। साल 2019 में अनुच्छेद 370 रद्द होने के बाद यहां पर पहले चुनाव का आयोजन किया गया था।
लद्दाख परिषदीय चुनाव के 26 सीटों के लिए मतगणना आगे बढ़ने के साथ कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया। 22 सीटों के आए चुनाव परिणामों में से कांग्रेस ने आठ और नेशनल कांफ्रेंस ने 11 पर जीत हासिल की है। वहीं, भाजपा को दो और निर्दल उम्मीदवार को एक सीट मिली।
महबूबा ने जताई खुशी
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कारगिल में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को जीतते देखना खुशी की बात है। पीडीपी ने चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने ट्वीट किया कि नेकां और कांग्रेस जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को करगिल में जीत दर्ज करते देखकर खुशी हुई। पांचवें एलएएचडीसी चुनाव के तीसरे दौर के मतदान के आंकड़ों के मुताबिक कारगिल जिले में लगभग 65 प्रतिशत मतदाता मतदान में शामिल हुए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद
पिछले महीने की शुरुआत में, लद्दाख प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कारगिल क्षेत्र में पांचवें एलएएचडीसी के चुनावों के लिए नए कार्यक्रम की घोषणा की थी। यह अधिसूचना तब आई जब सुप्रीम कोर्ट ने आगामी चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के पार्टी चिह्न को बहाल करते हुए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की पिछली चुनाव अधिसूचना को भी रद्द कर दिया। क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार नामांकन दाखिल करने में सक्षम नहीं थे। अधिसूचना के अनुसार, 30 सदस्यीय एलएएचडीसी की 26 सीटों के लिए चार अक्टूबर को चुनाव हुए थे।
फिलहाल फिरोज खान हैं अध्यक्ष
मौजूदा परिषद की अध्यक्षता नेशनल कांफ्रेंस के फिरोज अहमद खान कर रहे हैं। कांग्रेस ने चुनाव से पहले नेशनल कांफ्रेंस के साथ हाथ मिला लिया और 22 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा। नेशनल कांफ्रेंस ने 17 उम्मीदवार उतारे। दोनों पार्टियों ने कहा कि यह व्यवस्था उन क्षेत्रों तक सीमित है जहां भाजपा के साथ कड़ा मुकाबला है। पिछले चुनाव में एक सीट जीतने वाली और बाद में पीडीपी के दो पार्षदों के पार्टी में शामिल होने के बाद अपनी सीटों की संख्या तीन तक पहुंचाने वाली भाजपा ने इस बार 17 उम्मीदवार उतारे थे। आम आदमी पार्टी (आप) ने चार सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई जबकि 25 निर्दलीय भी मैदान में थे।