राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट हमारी पार्टी के नेता हैं। अब तो वो खुद हाईकमान हो गए हैं। हाईकमान को कहने की जरूरत नहीं होती है। हाईकमान खुद टिकट बांटते हैं तो टिकट बांटने में पायलट की भी भूमिका होगी।
उनको मैं क्यों कहूं? उनको कहने की जरूरत ही नहीं है। मैं उन्हें कहने वाला कौन होता हूं? उन्हें तो कांग्रेस प्रेसिडेंट ही कह सकते हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि पायलट पहली बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी में आए हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी मेंबर होना बड़ी बात है। उनके टिकट हाईकमान तय करेंगे। हमारे एआईसीसी के महासचिव, सचिव हैं। उनके टिकटों का फैसला हाईकमान ही करते हैं। मैं इस पर विश्वास करता हूं। जो एआईसीसी के पदाधिकारी हैं, वो हाईकमान से संबंधित हो जाते हैं। उन सबको जो कुछ कहना है, हाईकमान को ही कहना है।
राजनीति में परसेप्शन गलत बन जाता है
‘गहलोत से वैर नहीं, कांग्रेस विधायक की खैर नहीं’ को लेकर फीडबैक के सवाल पर उन्होंने कहा- यह फीडबैक तो काफी दिनों से आ रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है। हम विधायकों से बातचीत भी करते हैं। कोशिश करते हैं कि जो कोई समस्या होती है। उसे दूर करें। कई बार अच्छा काम करने के बावजूद भी राजनीति में परसेप्शन गलत बन जाता है। यह तो पार्टी में हम बातचीत करते हैं। हमारी मीटिंग में भी बात करते हैं। यह फीडबैक काफी लोगों ने दिया है। विपक्ष के लोगों का काम भी यही है। वो इस तरह की चर्चाओं को ज्यादा फैलाते हैं।
विधायकों की बगावत पर यह बोले
पिछले साल 25 सितंबर को पायलट को सीएम बनाने के खिलाफ गहलोत खेमे के विधायकों की बगावत को लेकर उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का मेरे प्रति आशीर्वाद रहा है, लेकिन यह गलत परसेप्शन बनाया गया कि मैं सीएम बना रहना चाहता था, इसलिए अध्यक्ष नहीं बना। विधायकों ने जो बगावत की थी, वो हाईकमान के खिलाफ नहीं थी। किसके खिलाफ थी, उसका मैं नाम नहीं लेना चाहता। कोई मुख्यमंत्री हट रहा होता है तो विधायक उसका साथ छोड़ जाते हैं। नए बनने वाले के साथ हो जाते हैं। उस वक्त ऐसा माहौल बन गया, किन कारणों से बन गया, रिवोल्ट (बगावत) हो गया। वो सोनिया गांधी के बारे में कोई रिवोल्ट नहीं था। सोनिया गांधी के प्रति राजस्थान के कार्यकर्ताओं और नेताओं का हाईएस्ट रेस्पेक्ट है। हम लोग तो हमेशा देखते हैं कि डिसिप्लिन रहना चाहिए।
मैंने बिना शर्त माफी मांगी है
गहलोत ने कहा कि ज्यूडिशियरी का मैं सम्मान करता हूं। मेरे बयान को लेकर मेरे खिलाफ कंटेंप्ट लगाया। मैंने कहा कि अगर आपको लगता है कि मैंने गलत कमेंट कर दिया तो मैं माफी मांग लेता हूं। माफी मांगने में शर्म नहीं होनी चाहिए। मेरा मानना है कि डेमोक्रेसी तभी बचेगी. जब ज्यूडिशियरी मजबूत होगी। ज्यूडिशियरी किसी कीमत पर कमजोर नहीं होनी चाहिए। उसकी क्रेडिबिलिटी, उसका सम्मान, उसके प्रति आस्था रहनी चाहिए। कुछ जज ने कमेंट कर दिए थे। मेरे मुंह से भी कुछ बात निकल गई। यह करप्शन की बात हो रही है। चिंता की बात है। उसको लेकर कंटेंप्ट लगा दिया। मैं उसे आगे बढ़ाऊंगा क्या करना चाहिए। मैंने बिना शर्त माफी मांग ली। इसका मुझे गर्व है। आम लोगों को लगे कि ज्यूडिशियरी का सम्मान करना कितना जरूरी है।
मोदी ‘ऐसी की तैसी’ करते हैं
पीएम नरेंद्र मोदी से दोस्ती के सवाल पर गहलोत ने कहा- मोदी पब्लिक को इंप्रेस करने के लिए कहते हैं कि गहलोत हमारे मित्र हैं। बाद में ऐसी की तैसी करते हैं। जब भी मैं किसी कार्यक्रम में मौजूद रहता हूं तो बड़ी तारीफ करते हैं। मानगढ़ धाम में मीटिंग हुई थी तब मोदीजी ने तारीफ की। मेरे बारे में कहा कि सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं। कोई न कोई बहाने तारीफ करने का मैसेज देते हैं कि मैं इनका मित्र हूं, लेकिन कोई कसर नहीं छोड़ते।