अब नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब स्थित सीमावर्ती जिला कुपवाड़ा को भी रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि उत्तरी कश्मीर सीमावर्ती जिले को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए रेलवे मंत्रालय द्वारा तकनीकी सर्वेक्षण चल रहा है।
कुपवाड़ा के दो दिवसीय दौरे पर आए सिन्हा ने विभिन्न सार्वजनिक प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की और कहा कि सीमावर्ती जिला पिछले तीन वर्षों से विकास के पथ पर है। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सिन्हा ने कहा कि रेल मंत्री ने जिले को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के लिए रेल बजट में तकनीकी सर्वेक्षण की मंजूरी दी थी।
सिन्हा ने कहा, “सर्वेक्षण के पूरा होने के बाद जब एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। मुझे यकीन है कि नई रेल परियोजना कुपवाड़ा को जोड़ेगी और हम इसकी मंजूरी सुनिश्चित करेंगे।”
सर्वे के बाद शुरू होगा काम
बाद में एक आधिकारिक बयान में सिन्हा ने कहा कि रेल मंत्रालय ने कुपवाड़ा जिले के लिए रेललाइन के सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, “एक बार सर्वेक्षण पूरा हो जाए और डीपीआर जमा हो जाए, तो मुझे उम्मीद है कि रेल लिंक पर काम शुरू हो जाएगा और कुपवाड़ा रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा।”
कश्मीर में ट्रेन अभी भी देश के बाकी हिस्सों से जुड़ी हुई है और जम्मू में बनिहाल से उत्तरी कश्मीर में बारामूला तक स्टैंडअलोन चलती है। बनिहाल-कटरा लाइन कश्मीर लाइन को देश के बाकी हिस्से से जोड़ेगी। उपराज्यपाल सिन्हा ने अगस्त में कहा था कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कश्मीर कन्याकुमारी से जुड़ जाएगा। यह घाटी को देश के सभी महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्रों से जोड़ेगा।”
पांच स्थानों पर मिल चुकी है मंजूरी
रेलवे बोर्ड पहले ही कश्मीर में पांच अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएसएल) कार्यों को मंजूरी दे चुका है, जिसमें बारामूला-बनिहाल रेलवे लाइन, न्यू बारामूला-उरी, अवंतीपोरा-शोपियां, सोपोर-कुपवाड़ा और अनंतनाग-बिजबेहरा-पहलगाम रेल लाइनों का दोहरीकरण शामिल है।
कुपवाड़ा में एलजी ने मीडियाकर्मियों से यह भी कहा कि पीएम आवास योजना के तहत 9000 से ज्यादा लोगों को घर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “इनमें ऐसे पात्र लोग भी हैं जिनके पास अपनी जमीन नहीं है और उन्हें प्रशासन द्वारा पांच-पांच मरला जमीन दी गई है। और कोई भी व्यक्ति जो पीएम-आवास के लिए पात्र है और उसके पास जमीन नहीं है, उसे जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा 5 मरला जमीन दी जाएगी।”
सिन्हा ने कहा कि आम आदमी शांतिपूर्ण माहौल में रह रहा है और जिले में पर्यटकों की आमद में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उपराज्यपाल ने कहा, “बिजली दूर-दराज के इलाकों तक पहुंच गई है और जल जीवन मिशन के तहत काम तेज कर दिया गया है। हमें उम्मीद है कि इस साल 31 दिसंबर तक जिले के सभी गांवों, पंचायतों और घरों को ‘नल से जल’ के तहत कवर करने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। 70 प्रतिशत काम पहले ही पूरा हो चुका है।”