देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। एम्स और आईसीएमआर जैसे शीर्ष संस्थान भी कई बार इसे लेकर आगाह कर चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी यही इशारा कर रहा है। अब आज एक नया खुलासा हुआ है। इसमें पता चला है कि कुछ राज्यों में ऐसे लोग बड़ी संख्या में नए संक्रमित हो रहे हैं, जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली। टीके की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या बेहद कम है। इससे साफ है कि टीका लगवाना कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहने का एक कारगर उपाय है। दैनिक जागरण द्वारा झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में की गई एक पड़ताल के मुताबिक, बीते कुछ समय में इस महामारी से संक्रमित होने वालों में अधिकांश वह लोग हैं जिन्होंने टीके की एक भी डोज नहीं ली है। आइए आंकड़ों के जरिये देखें कि किस राज्य में क्या हाल हैं।
झारखंडः टीका न लगवाने वाले 89 फीसद संक्रमित
झारखंड में अभी 270 संक्रमित मरीज हैं, इनमें से 89 फीसद मरीजों ने टीका नहीं लगवाया है। जागरण ने संक्रमित मरीजों का हाल लिया तो पाया कि महज 11 फीसद लोगों ने ही टीके की पहली डोज ली है। दोनों डोज लेनेवाले गिने-चुने लोग संक्रमित हुए। जिसने एक डोज भी ली है, उसे भी गंभीर संक्रमण नहीं हुआ। महज तीन प्रतिशत संक्रमित ऐसे रहे, जिन्होंने दोनों डोज लगवाई हैं।
मध्य प्रदेशः 54 फीसद ने नहीं लगवाया टीका
मध्य प्रदेश की बात करें तो कोरोना से पिछले दो महीने में संक्रमित हुए मरीजों में से 34 फीसद ने टीके की पहली डोज ली है। 12 फीसद मरीज ऐसे भी हैं जो कोरोना रोधी टीके की दोनों डोज लगवा चुके हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की टीकाकरण स्टेटस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
बिहारः केवल 14 फीसद लोगों ने दोनो डोज ली
बिहार के आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि टीका कोरोना से बचाव का कवच है। बिहार में इस वक्त कुल एक्टिव केस 456 हैं जिसमें 170 यानी 37.28 फीसद ने टीके की एक भी डोज नहीं लगवाई है। इसमें से 220 यानी 48.24 फीसद पहली डोज लगवा चुके हैं। कुल 456 संक्रमितों में महज 66 यानी 14.47 फीसद लोग टीके की दोनों डोज ले चुके हैं।