सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं जिसमें कालाष्टमी भी एक मानी जाती हैं जो कि हर माह में पड़ती हैं अभी सावन अधिक मास चल रहा हैं और इस माह पड़ने वाली कालाष्टमी को अधिकमास कालाष्टमी के नाम से जाना जा रहा हैं पंचांग के अनुसार अधिकमास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी का व्रत पूजन किया जाता हैं जो कि भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान कालभैरव की पूजा अर्चना को समर्पित होती हैं।
अधिकमास की कालाष्टमी का खास महत्व होता हैं क्योंकि ये तीन साल में एक बार आती हैं। माना जाता हैं कि इस दिन भैरव बाबा की पूजा करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती हैं साथ ही शत्रु बाधा भी समाप्त होती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अधिक मास की कालाष्टमी की तिथि और मुहूर्त के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
सावन अधिक मास की कालाष्टमी की तिथि-
अधिकमास कालाष्टमी व्रत इस साल 8 अगस्त दिन मंगलवार यानी की कल मनाया जाएगा। इस दिन शिव के अवतार भैरवनाथ की विधि विधान से पूजा और व्रत किया जाता हैं माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान की कृपा मिलती हैं।
अधिक मास कालाष्टमी की पूजा का मुहूर्त-
धार्मिक पंचांग के अनुसार अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 8 अगस्त को प्रात: 4 बजकर 14 मिनट से आरंभ हो रही हैं और इसका समापन अगले दिन यानी 9 अगस्त को सुबह 3 बजकर 52 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में कालाष्टमी का व्रत पूजन 8 अगस्त को करना शुभ रहेगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 31 मिनट से 11 बजकर 7 मिनट का हैं माना जाता है कि इस मुहूर्त में पूजा पाठ करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं।