सनातन धर्म में ऐसे कई सारे व्रत त्योहार हैं जो भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना को समर्पित होते हैं लेकिन विभुवन संकष्टी चतुर्थी का व्रत बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर तीन साल पर एक बार आता हैं इस दिन भक्त उपवास आदि रखते हुए भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करते हैं।
माना जाता हैं, कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से साधक के जीवन के कष्टों का अंत हो जाता हैं और सुख में वृद्धि होती हैं इस बार विभुवन संकष्टी चतुर्थी का व्रत 4 अगस्त को किया जाएगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा श्री गणेश की संपूर्ण पूजा विधि के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें पूजन-
आपको बता दें कि इस दिन सुबह जल्छी उठकर सबसे पहले स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर पूजन स्थल की अच्छी तरह से साफ सफाई करें फिर पूजन करते वक्त अपने मुख को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। और पूजा का आरंभ करें एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें।
इसके बाद धूप दीपक जलाएं और ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें पूजा के बाद भगवान श्री गणेश को मोद का भोग लगाएं। फिर संध्याकाल में व्रत कथा का पाठ कर चंद्रमा को देखते हुए अपना व्रत खोले और व्रत पूजा करने के बाद गरीबों व जरूरतमंदों को दान करें माना जाता हैं कि ऐसा करने से व्रत पूजन का पूर्ण फल प्राप्त होता हैं और श्री गणेश की कृपा भी बरसती हैं।