अधिकमास का समय चल रहा है और इस समय पर कई तरह के धार्मिक कार्यों को करने का विधान पुण्यदायक माना गया है. इस माह के दौरान भगवान विष्णु के साथ तुलसी जी की पूजा, विशेष रुप से की जाती है.
तुलसी पूजा के द्वारा व्यक्ति के मनोरथ होते हैं पूर्ण और मिलता है भगवान का आशीर्वाद. हिंदू धर्म में अधिकमास या मलमास का विशेष महत्व माना जाता है. वहीं, अगर इस दौरान तुलसी मां की पूजा की जाए तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. इस माह के दौरन तुलसी को मंदिर में दान करना घर पर नियमित पूजन करना इत्यादि कार्य भक्तों के लिए श्रेष्ठ फलों को प्रदान करने वाले होते हैं.
अधिकमास की अवधारणा हर तीन साल में होती है. इसी कारण इस माह के दौरान श्री विष्णु जी की प्रिय देवी तुलसी का पूजन भक्तों को सुख समृद्धि देने वाला माना गया है.. का का होता है दरअसल, अधिकमास के कारण एक की जगह दो महीने और चातुर्मास में 4 की जगह 5 महीने लगते हैं. इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसके अलावा अधिकमास में तुलसी पूजन का भी विधान बताया गया है. तो आइए जानें अधिक मास के दिनों में तुलसी पूजा का महत्व एवं विशेष लाभ
अधिकमास में तुलसी पूजा महत्व
अधिकमास में श्री विष्णु जी का पूजन अनेक प्रकार से होता है. प्रतिदिन भगवान के समक्ष व्रत एवं आध्यात्मिक साधना भक्तों के द्वारा संपन्न होती है. हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है और इसे पूजा का स्थान दिया गया है. ऐसा कहा जाता है कि अगर सुबह तुलसी के पौधे में जल दिया जाए और शाम को दीपक जलाया जाए तो इससे घर में नकारात्मकता नहीं आती है और साथ ही तुलसी से भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी कृपा बनी रहती है. तुलसी विष्णु जी को प्रिय है. यही कारण है कि अधिकमास के दौरान तुलसी पूजन का विशेष महत्व माना जाता है.
अधिकमास में तुलसी पूजा का लाभ
तुलसी मां को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस माह में इनका पूजन अवश्य करना चाहिए. अपने घर में धन-संपत्ति चाहते हैं तो उनकी विधिवत पूजा और सेवा करके तुलसी जी को प्रसन्न करें. ऐसा करने से तुलसी जी अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखेंगी.अधिकमास में यदि विष्णु जी के साथ तुलसी जी की भी पूजा की जाए तो भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं.