जुलाई माह का पहला दिन ही शनि प्रदोष व्रत से आरंभ होगा. 1 जुलाई को शनि प्रदोष रखा जाएगा, शनिवार का दिन होने तथा भगवान शिव का प्रदोष व्रत होने के कारण यह समय शनि प्रदोष के रुप में मनाया जाएगा.
इस व्रत
को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और साथ ही शनि ग्रह से संबंधित दोष भी दूर हो जाते हैं. प्रदोष का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. भक्त इस दिन भगवान शिव का पूजन करने के साथ रात्रि जागरण करते हुए भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
प्रदोष का व्रत करने से भगवान शिव जल्द से प्रसन्न होते हैं. शनि प्रदोष होने के कारण शनि शांति भी होती है और ग्रह दोष दूर हो जाता है. शनि प्रदोष के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
शनि प्रदोष से मिलेगा शनि देव का आशीर्वाद
प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को त्रयोदशी मनाई जाती है. प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है और जिस दिन यह व्रत पड़ता है उस दिन को इसी नाम से संबोधित किया जाता है. सूर्यास्त के बाद और रात्रि प्रारम्भ होने से पहले के समय को प्रदोष काल कहा जाता है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है. मान्यता है कि प्रदोष के समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर स्थित देवी के साथ आनंद में होते हैं. इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष को कई स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसका नाम और महत्व दिन के अनुसार अलग-अलग होता है. शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है.
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प्रदोष व्रत पूजा का शुभ समय
आषाढ़ मास का आखिरी प्रदोष व्रत और जुलाई माह का पहला प्रदोष व्रत 1 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. पुराणों के अनुसार इस व्रत को करने से अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र का वरदान मिलता है. शनि प्रदोष पूजा मुहूर्त का समय शाम 19:23 से रात 21:24 तक रहेगा. इसके साथ ही लाभ मुहूर्त शाम 19:23 से रात 20:39 तक रहेगा.