अयोध्या में गुरु पूर्णिमा की मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं और अयोध्या में दर्शन पूजन का दौर शुरू हुआ है. सुबह से ही सरयू के तट पर श्रद्धालु उमड़ पड़े हैं. सरयू में स्नान करने के बाद नागेश्वरनाथ और मंदिरों पर दर्शन पूजन का दौर शुरू हुआ और उसके बाद श्रद्धालु अपने अपने गुरु के पास जाकर गुरु का पूजन करेंगे. गुरु शिष्य की परंपरा का यह पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ अयोध्या में मनाया जाता है. अयोध्या के जितने भी मंदिर हैं मंदिरों की रौनक देखने लायक है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे हैं अपने गुरु की पूजा करेंगे उनका आशीर्वाद लेंगे. कोरोना काल में यह पहला मौका था जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं.
संतों ने की ये अपील
गुरु शिष्य की परंपरा के निर्वहन की प्रमुख स्थली अयोध्या में धूमधाम से मनाया जा रहा है. अयोध्या के प्रमुख संतों ने अपने शिष्यों से अपील की है कि कोरोना का साया मंडरा रहा था, गुरु ने अपने अपने स्तर से अपील की थी कि, लोग अपने अपने घरों पर रहकर ही सोशल मीडिया के माध्यम से गुरु पूर्णिमा पर पूजन अर्चन करें, लेकिन अयोध्या के मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा है अपने-अपने गुरुद्वारे पहुंचकर श्रद्धालु गुरु का आशीर्वाद ले रहे हैं.
क्या होता है गुरु-शिष्य का संबंध
राम जन्म भूमि के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि, शिष्यों का जो कल्याण करता है वह गुरु है, गुरु की सेवा और गुरु का सम्मान करने वाला ही शिष्य है. गुरु शिष्य का शाश्वत संबंध है. गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य गुरु के आवास पर जाकर गुरु की शोरसौपचार पूजा करता है. शोरसौपचार पूजन में गुरु का चंदन तिलक माल्यार्पण पुष्प और अंगवस्त्र दक्षिणा से की जाती है, जिस तरह से ईश्वर की पूजा होती है. उसी तरह गुरु की पूजा की परंपरा है. साधु संतों ने अपील की है कि लोग कोरोना की गाइडलाइन का पालन शत शत करें मास्क लगाएं शारीरिक दूरी बनाएं.
घाट पुरोहित रामआधार पांडे ने बताया कि, आज सुबह 3:00 बजे से ही सरयू में दर्शन पूजन का दौर शुरू हो गया है और श्रद्धालु सरयू स्नान करने के बाद नागेश्वरनाथ में दर्शन पूजन कर रहे हैं और उसके बाद अपने-अपने गुरुद्वारे जाकर गुरु का दर्शन पूजन करेंगे. आज गुरु के दर्शन से ईश्वर के दर्शन का फल प्राप्त होता है.
अपने गुरु का पूजन कर लिया आशीर्वाद
वहीं, गुरु पूर्णिमा के मौके पर दूर-दराज से अयोध्या पहुंचे. श्रद्धालुओं में भी उत्साह का माहौल है. श्रद्धालु सरयू तट पर दर्शन पूजन और स्नान के बाद गुरुद्वारों की तरफ रवाना हुए हैं और गुरुद्वारे जाकर अपने अपने गुरु की पूजा करेंगे. मंदिर और मूर्तियों के शहर अयोध्या में गुरु शिष्य की परंपरा का निर्वहन बहुत ही अच्छे ढंग से किया जाता है. गाजियाबाद से अयोध्या पहुंची श्रद्धालु भावना बताती है कि गुरु पूर्णिमा के मौके पर अयोध्या आए हैं, सरयू के तट पर स्नान किया है अपने गुरु जी के धाम जा करके उनकी पूजा करेंगे.
अयोध्या पहुंचे श्रद्धालु बालकृष्ण बताते हैं कि, सरयु के तट पर स्नान किया है और हमारे गुरुद्वारा सुग्रीव किला जाएंगे वहां पर अपने गुरु जगतगुरु विश्वेशप्रपन्नाचार्य जी का पूजन अर्चन करेंगे गुरु जी का पूजन करने के बाद अयोध्या में दर्शन पूजन करेंगे.