दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल विनय सक्सेना के बीच ‘लेटर वॉर’ जैसा माहौल बनता जा रहा है। पहले केजरीवाल ने दिल्ली में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी।
इसपर मंगलवार को उपराज्यपाल ने अपना जवाब मुख्यमंत्री केजरीवाल को दिया था। अब केजरीवाल ने एक बार फिर उपराज्यपाल को खत में लिखकर अपना जवाब भेजा है। अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि मैंने कानून-व्यवस्था को लेकर आपकी चिट्ठी को गंभीरता से पढ़ा। सामान्य तौर पर मैंने आपको फिर से खत लिखने का फैसला नहीं किया था। लेकिन आपने अपने खत में जो बातें लिखी थी उसने मुझे जवाब देने के लिए मजबूर कर दिया। केजरीवाल ने लिखा कि दिल्ली में रहने वाले 2 करोड़ लोगों की सुरक्षा का मुद्दा काफी अहम है। इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है। लेकिन आपने जो जवाब दिया है कि उसमें एक भी उस स्टेप का जिक्र नहीं है जिसमें दिल्ली पुलिस, गृह मंत्रालय और दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली के लोगों की सुरक्षा के बारे में बताया गया हो।
आगे केजरीवाल ने लिखा है कि दिल्ली के एलजी और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ हर हफ्ते होने वाली बैठक में सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है और जमीन पर कुछ भी नहीं दिख रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर अपराध लगातार हो रहे हैं। सीएम ने आगे लिखा है कि मुझे यह सच्चाई पता है कि आप दिल्ली में नये हैं और बाहरी होने की वजह से आपको जमीनी हकीकत पता लगाने में कठिनाई आ रही है। लेकिन गंभीर अपराधों में हो रही बढ़ोतरी को किसी भी लिहाज से सहन नहीं किया जा सकता है, जैसा की एलजी इस मसले पर उदासीन रवैया अपनाते रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एक अत्यंत गंभीर स्थिति, सीधे तौर पर दिल्ली के दो करोड़ से अधिक निवासियों के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा से संबंधित मामले को राजनीतिकरण बताना आसान है”, लेकिन उपराज्यपाल की प्रतिक्रिया में एक भी प्रभावी कदम की पेशकश नहीं की गई जिसपर दिल्ली पुलिस के राजनीतिक आकाओं- गृह मंत्रालय और उपराज्यपाल द्वारा विचार किया गया है।
बहरहाल आपको बता दें कि सबसे पहले 19 जून को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक खत लिखकर उपराज्यपाल से कहा था कि दिल्ली की कानून व्यवस्था बेहद खराब है और इसके लिए एलजी तथा गृहमंत्रालय जिम्मेदार है। केजरीवाल ने इस खत में कहा था कि नागरिकों, विधायकों और RWA साथ मिलकर कानून व्यवस्था को सुधारने का काम किया जाए। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में थाना लेवल कमेटी फिर से शुरू की जाए।
इसपर जवाब देते हुए उपराज्यपाल ने अरविंद केजरीवाल से कहा था कि जब मैंने एक साल पहले पदग्रहण किया ता तभी से दिल्ली में क्राइम कंट्रोल मेरी शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। मैं नियमित रूप से दिल्ली पुलिस की निगरानी और समीक्षा करता हूं। पुलिस के साथ सप्ताह में दो बैठकें होती हैं। उपराज्यपाल ने केजरीवाल को सुझाव देते हुए यह भी कहा था कि आप और आपकी सरकार युवाओं और शिक्षित करें और उनकी काउंसिलिंग करें।