रुद्राक्ष एक बहुत ही खास मनका है जिसे सदियों से महत्व दिया जाता रहा है क्योंकि यह लोगों को ठीक करने में मदद कर सकता है। भगवान शिव की कृपा पाने वाले भाग्यशाली लोग ही इसे धारण कर सकते हैं।
रुद्राक्ष शब्द का अर्थ है “शिव की आंखें” और “उनके आंसू”। यह मनका कैसे बना, इसके बारे में एक कहानी है, यही वजह है कि लोग इसे इतना खास और शिव का आशीर्वाद मानते हैं। रुद्राक्ष का पेड़ एक प्राकृतिक रूप से सूखे मेवे का उत्पादन करता है, जिसका उपयोग आमतौर पर 108 मनकों वाली रुद्र माला के रूप में प्रार्थना और ध्यान के लिए किया जाता है। ये मनके अलग-अलग रूपों में आते हैं, एक से लेकर 27 मुखी तक। ऐसा माना जाता है कि इन मोतियों को धारण करने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
यदि आप अपने जीवन को खुशहाल व शुद्ध बनाना चाहते है तो रुद्राक्ष सहायक साबित होता है। गौरी शंकर एक खास किस्म का रुद्राक्ष होता है जिसकी सहायता से इंसान के जीवन में सम्पन्नता आती है। हलाकि की आम तौर पर लोगो का मानना होता है की इसको धारण करने से आपके जीवन में धन का आगमन होगा। सम्पन्नता का मतलब केवल धन से नहीं होता बल्कि संतुलन व शालीनता के साथ जीवन व्यापन करना भी सम्पन्न जीवन कहलाता है। संतुलित इंसान जीवन का हर कार्य शालीनता और समझदारी के साथ निभाते है।
यदि आप ज्यादा घुमान पसंद करते है और बाहर अधिक खाते है, तो रुद्राक्ष एक बहुत अच्छा सहायक होता है क्योंकि यह अपनी शक्ति से एक सुरक्षा कवचा बना देता है। आपने कभी विचार किया होगा की आप एक नई जगह पर जाते हैं, आपको आसानी से नींद आ जाती है, जबकि किसी दूसरे स्थान पर आपको नींद नहीं आती आप काफी समय से सोए न हो तो भी। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके अंदर की ऊर्जा के लिए विपरीत होती है यह आपको स्थिर नहीं होने देती। साधुओं और संन्यासियों के लिए चूंकि वे लगातार घूमते रहते थे, तो जगह और स्थितियां उन्हें परेशान कर सकती थीं। उनके लिए एक नियम था कि कभी अपने सिर को उसी जगह पर दोबारा नीचे न रखें। आज एक बार फिर लोगों ने अपने व्यापार या पेशे के कारण, विभिन्न जगहों पर खाना और सोना शुरू कर दिया है। तो यहां रुद्राक्ष सहायक हो सकता है।