गर्मी के मौसम में स्किन के डार्क या काला हो जाने का खतरा ज्यादा बना रहता है. गर्मी, धूप, गंदगी और प्रदूषण के चलते स्किन पर दानें समेत कई परेशानियां हो जाती हैं. मौसम की मार और स्किन की देखभाल में कमी के चलते झाइयां, झुर्रियां और पिंपल-एक्ने हो जाते हैं.
शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण भी ऐसा हो सकता है. होम रेमेडीज या घरेलू नुस्खों से स्किन की प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है. लेकिन एक्सफोलिएशन से स्किन की बेहतर क्लीनिंग की जा सकती है.
स्क्रबिंग से स्किन की डीप क्लीनिंग होती है और डेड सेल्स रिमूव होते हैं. गंदे सेल्स के हटने के बाद त्वचा सांस ले पाती है. क्या आप जानते हैं कि हफ्ते में कितनी बार स्क्रबिंग करना चाहिए और इस दौरान स्किन टाइप का भी ख्याल रखना जरूरी है. जानें कैसे..
स्किन टाइप के हिसाब से हफ्ते में कितनी बार करें स्क्रब
कॉम्बिनेशन स्किन: ड्राई और ऑयली स्किन को कॉम्बिनेशन स्किन पुकारा जाता है. इसका ख्याल रखना मुश्किल है. स्किन पर दानें या दूसरी समस्याएं तो हफ्ते में दो बार ही एक्सफोलिएशन का तरीका अपनाएं.
ऑयली स्किन: गर्मी में स्किन पर ऑयल से लेकर दानें आसानी से निकल जाते हैं. ऑयली स्किन की एक्स्ट्रा देखभाल करनी चाहिए. इस स्किन टाइप वालों को हफ्ते में दो या तीन बार स्क्रबिंग करनी चाहिए.
नॉर्मल स्किन: इस टाइप की स्किन को भी हर तरीके की केयर चाहिए होती है. गर्मियों के दौरान नॉर्मल स्किन वाले हफ्ते में एक बार त्वचा पर स्क्रबिंग कर सकते हैं.
ड्राई स्किन: इस टाइप की स्किन का रूखी या बेजान होना आम बात है. इसमें भी डेड सेल्स आसानी से जमा हो जाते हैं. ड्राई स्किन वालों को हफ्ते में एक या दो बार एक्सफोलिएशन का रूटीन फॉलो करना चाहिए.
एक्सफोलिएशन के फायदे
स्किन की स्क्रबिंग करने से वह अंदर से साफ हो पाती है. डेड सेल्स के रिमूव होने पर वह ग्लो कर पाती है और स्वस्थ भी बन पाती है.
स्किन पर सीबम का ज्यादा प्रोडक्शन होने से दाने या एक्ने निकल जाते हैं. एक्स्ट्रा ऑयल को कंट्रोल करने के लिए एक्सफोलिएशन का तरीका जरूर आजमाएं.
स्क्रबिंग का एक फायदा ये भी है कि इससे स्किन का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. इससे त्वचा में ऑक्सीजन के स्तर में सुधार आता है और वह ग्लो कर पाती है.