कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा देने का वादा किया था। अब यह वादा कांग्रेस ही नहीं बल्कि राज्य भर के बस कंडक्टरों को भी परेशान कर रहा है।
कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) स्टाफ एंड वर्कर्स फेडरेशन ने कहा कि महिलाओं के लिए ‘मुफ्त बस सेवा का वादा’ यात्रियों और बस कंडक्टरों के बीच लगातार टकराव का कारण बन रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इसे जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह किया।
महासंघ के अध्यक्ष एचवी अनंत सुब्बाराव ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में उल्लेखित महिलाओं के लिए मुफ्त बस पास के अधूरे वादे के कारण यात्रियों में भ्रम की स्थिति है। उन्होंने कहा कि कई यात्रियों ने किराया देने से इनकार कर दिया और बस कंडक्टर के कहने के बावजूद मुफ्त यात्रा की मांग कर रहे हैं। महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर योजना को जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह किया।
2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान, कांग्रेस पार्टी ने ‘पांच गारंटी’ की घोषणा की थी। इनमें से एक “शक्ति” थी। इसके तहत राज्य भर में सामान्य सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का वादा किया गया था। इन गारंटियों ने मतदाताओं, विशेष रूप से महिलाओं को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अंततः 224 सदस्यीय विधानसभा में 135 सीटें हासिल करके कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत हुई।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महासंघ के पत्र को साझा करते हुए ट्विटर पर कांग्रेस पार्टी पर ‘झूठ गढ़ने’ का आरोप लगाया। भाजपा ने चेतावनी दी कि जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करने में सरकार की गैरजिम्मेदारी से जनता का असंतोष जल्द ही राज्य में व्यापक विरोध का कारण बन सकता है। बता दें कि सिद्धरमैया और कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख डी के शिवकुमार ने 20 मई को क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इनके साथ ही आठ विधायकों को मंत्री पद दिया गया है, लेकिन उनको अब तक विभाग अवंटित नहीं किए गए हैं।