प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई 2023 को रखा जाएगा।
इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं और कुछ अंचलों में पांडव एकादशी भी कहा जाता है। आओ जानते हैं इस दिन व्रत रखने के फायदे।
तीन बड़े फायदे:
- पद्मपुराण में निर्जला एकादशी व्रत द्वारा मनोरथ सिद्ध होने की बात कही गई है।
- इस एकादशी के व्रत को विधिपूर्वक करने से सभी एकादशियों के व्रत का फल मिलता है।
- इस एकादशी का व्रत विधिवत रखने से सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है।
इस दिन करें दान:
- किसी गरीब, पक्षु, पक्षी, सफाईकर्मी आदि को अन्न- जलदान का दान करें।
- गौ दान या गाय के लिए पालक एवं चारा दान करें।
- किसी गरीब को वस्त्रदान, जूता और छाता दान करें।
- कम से कम इस दिन जल कलश में जल भरकर उसे सफेद वस्त्र से ढककर चीनी और दक्षिणा के साथ किसी ब्राह्मण को दान जरूर करें जिससे साल भर की सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है।