सनातन परंपरा में भगवान सूर्य के पुत्र शनिदेव के बारे में मान्यता है कि उनकी जिस पर कृपा हो जाए तो वह व्यक्ति रंक से राजा बन जाता है, लेकिन यदि उनकी वक्र दृष्टि किसी पड़ जाए तो व्यक्ति के राजा से फकीर होने में जरा भी समय नहीं लगता है.
कुंडली का शनि दोष उस व्यक्ति के जीवन में कलह, कष्ट और तमात तरह की बड़ी पीड़ाओं का कारण बनता है.
जिस शनि के कारण व्यक्ति के जीवन में अचानक से बड़ा बदलाव आता है, उनकी जयंती इस साल वैशाख मास की अमावस्या यानि 19 मई 2023 को मनाई जाएगी.
शनि जयंती की पूजा का महाउपाय
यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है और उसके चलते आप इन दिनों काफी परेशानी में चल रहे हैं तो उससे मुक्ति पाने के लिए आपको शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा का महाउपाय जरूर करना चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने का बहुत ज्यादा महत्व है, लेकिन इसे चढ़ाने का भी अपना एक नियम है, जिसे अपनाने पर ही उसका शुभ फल प्राप्त होता है.
हिंदू मान्यता के अनुसार शनि जयंती वाले दिन व्यक्ति को स्नान करने के बाद गीले कपड़े उतारने की बजाय उसे पहने हुए एक कटोरे में तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखना चाहिए. इसके बाद उस तेल को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र को जपते हुए चढ़ा दें. मान्यता है कि इस उपाय को करने से शनि संबंधी सभी कष्ट जल्द दूर हो जाते हैं और व्यक्ति पर शनिदेव की पूरी कृपा बरसती है.
शनि दर्शन से दूर होंगे सारे दुख
हिंदू मान्यता के अनुसार शनि जयंती के दिन शनि देवता का न सिर्फ पूजन बल्कि दर्शन का भी बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. ऐसे में इस साल शनि जयंती के दिन यदि संभव हो देश के पावन शनि धाम पर जाकर आपको उनका दर्शन जरूर करना चाहिए.
हिंदू मान्यता के अनुसार महाराष्ट्र का शनि शिंगणापुर मन्दिर, तमिलनाडु का तिरुनल्लरु मन्दिर और उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित कोकिलावन धाम को शनि पूजन और दर्शन के लिए बहुत ज्यादा शुभ माना गया है.
शनि दोष से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल
यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है तो आपको ऊपर दिये गये उपायों को करने के साथ कुछ नियम भी अपनाने चाहिए. ज्योतिष के अनुसार शनि के दोष से बचने के लिए व्यक्ति को शनिवार के दिन जूते-चप्पल नहीं खरीदने चाहिए और न ही कभी किसी से फुटवियर गिफ्ट में लेने चाहिए. इसी प्रकार शनि के कोप से बचने के लिए भूलकर भी किसी कमजोर, दिव्यांग को नहीं सताना चाहिए