हिंदू धर्म में वैसे तो हर महीने को महत्वपूर्ण माना गया है लेकिन ज्येष्ठ का महीना बेहद ही खास होता है जो पंचांग का तीसरा महीना है। ज्येष्ठ महीना वैशाख के बाद आता है इस बार ज्येष्ठ माह का आरंभ आज यानी 6 मई दिन शनिवार से हो चुका है इस महीने को भगवान हनुमान, वरुण देव की पूजा अर्चना के लिए खास माना जाता है।
ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगलवार का भी अपना महत्व होता है जिसे बड़े मंगल के नाम से जाना जाता है इस दिन लोग हनुमान पूजा करते हैं और दान पुण्य के कार्य भी करते है। ज्येष्ठ माह को लेकर ज्योतिषशास्त्र में कई सारे नियम बताए गए है जिनके अनुसार चलने से लाभ होता है मगर इनकी अनदेखी परेशानियों को बढ़ा सकती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि ज्येष्ठ माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं तो आइए जानते है।
ज्येष्ठ माह से जुड़े नियम-
मान्यता है कि इस पूरे महीने में कुछ नियमों का पालन करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है इस महीने में एक समय ही सोना चाहिए। कहते हैं कि ज्येष्ठ माह में दोपहर के वक्त नहीं सोना चाहिए। इस महीने दोपहर के वक्त सोने से कई बीमारियां होती है ऐसे में इससे परहेज करना बेहतर होता है। इसके अलावा ज्येष्ठ माह में 1 से 4 बजे तक बाहर जाने से भी परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे सेहत और त्वचा खराब हो सकती है। माना जाता है कि इस वक्त सूरज की तेज किरणें सेहत पर बुरा असर डालती है। इस पूरे महीने में सूती वस्त्रों को धारण करना चाहिए और सत्तू, नींबू पानी, जलजीरा, खीरा, तरबूज आदि ठंडी चीजों का सेवन करना चाहिए।
इस महीने पानी की बर्बाद करने से आर्थिक संकट आता है ऐसे में सोच समझ कर पानी खर्च करें। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगलवार को हनुमान पूजा उत्तम फल प्रदान करती है लेकिन इस दिन धन का लेन देन करने से बचें। इसके साथ ही अपनी इच्छा अनुसार इस पावन महीने में पानी, शरबत, अन्न, फल, धन का दान जरूर करें ऐसा करने से देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।