हिंदू धर्म में कई सारे व्रत पड़ते है और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत इन सभी में खास माना जाता है। जो कि हर माह पड़ता है अभी वैशाख का पावन महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाले प्रदोष व्रत को वैशाख प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है जो कि इस बार 3 मई दिन बुधवार को पड़ रहा है।
ये वैशाख का आखिरी प्रदोष व्रत है जिसे बुध प्रदोष व्रत भी कहा जा रहा है। इस दिन भगवान शिव के संग देवी पार्वती की पूजा करना उत्तम होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से सुख समृद्धि आती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है तो आज हम आपको बुध प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त-
धार्मिक पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 2 मई की रात 11 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है जिसका समापन 3 मई की रात को 11 बजकर 49 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार बुध प्रदोष व्रत इस बार 3 मई को किया जाएगा। बुध प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की प्रदोष काल में पूजा करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है साथ ही जीवन के सभी कष्टों का भी समाधान हो जाता है।
इसके साथ ही प्रदोष व्रत पर पूजन का शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 57 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस मुहूर्त में शिव आराधना करने से साधकों को उत्तम फलो की प्राप्ति होती है।