नई दिल्ली. योग गुरु बाबा रामदेव ने एलोपैथी पर उनके विवादित बयान के बाद अलग-अलग राज्यों में दर्जनों एफआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. योग गुरु रामदेव की ओर से याचिका से जुड़े तमाम दस्तावेज और सीडी सुप्रीम कोर्ट में देर रात जमा कराई गईं. सुप्रीम कोर्ट अब याचिका पर एक हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस एन वी रमना ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि उन्हें कल रात 11 बजे ही रामदेव की ओर से भारी संख्या में दस्तावेज और सीडी मिले हैं, इसलिए उनको देखने में समय लगेगा और वो अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे.
एलोपैथी पर बयान देने के कारण दर्ज हुई अलग-अलग FIR को दिल्ली ट्रांसफर करने की योग गुरु रामदेव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. वहीं दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बाबा रामदेव की अर्जी का विरोध किया है. एसोसिएशन ने अपनी अर्जी में कहा है कि बाबा रामदेव को कोई भी राहत नहीं दी जानी चाहिए. याचिका में कहा गया है कि रामदेव ने एलोपैथी की छवि इसलिए खराब की ताकि वो अपनी दवा “कोरोनिल” को बढ़ावा दिला सकें.
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने अर्जी में इस मामले में खुद को पक्षकार बनाने की मांग भी की है. दरअसल बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एलोपैथी/डॉक्टर को लेकर दिए उनके बयान को लेकर अलग-अलग राज्यों में दर्ज हुई FIR पर रोक लगाने की मांग की है. इसके साथ ही सभी मामलों का ट्रायल दिल्ली शिफ्ट करने की भी मांग की है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव को कहा था कि जो कुछ भी उन्होंने एलोपैथी और डॉक्टरों के लिए कहा है, उसे अदालत में दाखिल करें.
पिछली तारीख पर चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच से सुनवाई के दौरान रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था स्वामी रामदेव एक पब्लिक फिगर हैं और उन्होंने डॉक्टरों को लेकर कोई बयान नहीं दिया है. रोहतगी ने कहा, ‘रामदेव को लेकर देशभर में विभिन्न FIR दर्ज कर दी गई है. हम यह चाहते हैं कि इन सबको एक साथ कर दिया जाए और उनको दिल्ली ट्रांसफर किया जाए.’ रामदेव ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से पटना और रायपुर में दर्ज FIR को दिल्ली ट्रांसफर करने की भी मांग की है. फिलहाल इन मामलों में किसी कार्रवाई पर रोक लगाने की भी मांग याचिका में की गई है.