नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जाकर कोरोना का टीका लगवाया। पीएम को स्वदेश निर्मित भारत बॉयोटेक एवं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से तैयार कोरोना वैक्सीन कोवाक्सिन टीके का पहला डोज लगा है। दरअसल, कोरोना के इसी देसी टीके के परीक्षण और प्रभावोत्पादकता को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। अब यह टीका लगवाकर प्रधानमंत्री ने विपक्ष को एक तरह से जवाब दिया है। दूसरा यह टीका स्वदेश निर्मित है जो कि पीएम के ‘आत्मनिर्भर’ भारत के सपने को आगे बढ़ाने वाला है। टीका लगने के बाद पीएम ने कहा, ‘लगा भी और पता भी नहीं चला।’
गत तीन जनवरी को इस टीके को मिली थी मंजूरी-
गत तीन जनवरी को दो भारतीय टीकों ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एवं एस्ट्राजेनेके के टीके कोविशील्ड और भारत बॉयोटेक के कोवाक्सिन टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। कोविशील्ड टीके को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने तैयार किया है। दरअसल, कोविशील्ड के टीके को मंजूरी परीक्षण का तीसरा चरण पूरा करने के बाद मिली जबकि कोवॉक्सिन अपने परीक्षण के तीसरे चरण में था तभी इसके आपात इस्तेमाल की इजाजत दी गई। कोवाक्सिन के तीसरे चरण के परीक्षण का डाटा अभी उपलब्ध नहीं था जिसे लेकर शशि थरूर, मनीष तिवारी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने सवाल उठाया।