नातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता हैं लेकिन वैशाख मास में पड़ने वाली पूर्णिमा इन सभी में विशेष होती है। इस बार बुद्ध पूर्णिमा 5 मई को पड़ रही है ये दिन बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी खास होता है।
क्योंकि इसी पवित्र दिन पर भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इस दिन पूजा पाठ और स्नान दान का विशेष महत्व होता है।
बुद्ध पूर्णिमा पर साधक सुबह उठकर स्नान आदि करके पूजा पाठ करते है और साथ ही गरीबों व जरूरतमंदों को दान देते है। मान्यता है कि इस दिन दान पुण्य के कार्य करने से ईश्वर कृपा प्राप्त होती है और सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। तो आज हम आपको बुद्ध पूर्णिमा से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
धार्मिक पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 4 मई दिन गुरुवार की रात्रि 11 बजकर 44 मिनट से आरंभ हो रही है और अगले दिन यानी की 5 मई को शुक्रवार की रात्रि 11 बजकर 03 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
ऐसे में बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार 5 मई दिन शुक्रवार को मनाना उत्तम रहेगा। इसके साथ ही वैशाख मास की पूर्णिमा पर पूजन के लिए शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक का रहेगा। इस मुहूर्त में भगवान की विधिवत पूजा कर दान पुण्य देने से जीवन के संकट मिट जाते है और खुशियों में वृद्धि भी होती है।