वैष्णो देवी के तीर्थस्थान से खुशखबरी है। इस साल के पहले तीन महीनों में आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले साल के तीन महीनों का रिकार्ड तोड़ दिया है। अप्रैल के पहले पांच दिनों में भी वे रिकार्ड तोड़ते जा रहे थे।
जिस दर से तीर्थस्थान पर आने वालों की संख्या बढ़ रही थी उससे श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को उम्मीद जगी है कि इस साल यह संख्या एक करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी।
वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं ने भी इस बार नया रिकार्ड बनाया है। पिछले साल के मुकाबले इस साल जनवरी से मार्च के अंत तक 2.55 लाख श्रद्धालु ज्यादा आए। पिछले साल तीनों महीनों में आने वालों की संख्या 15.78 लाख थी तो इस बार यह बढ़ कर 18.33 लाख तक पहुंच गई है। इस साल जनवरी में 5.24 लाख श्रद्धालु आए जो पिछले साल के जनवरी महीने से 85 हजार ज्यादा थे तो इसी तरह से फरवरी में आने वालों की संख्या 4.14 लाख थी जो पिछले साल की बनिस्बत 53 हजार अधिक है। और इस साल मार्च में आने वालों की संख्या 8.94 लाख थी जो पिछले साल के मार्च महीने से 1.15 लाख ज्यादा थी।
इतना जरूर है कि बढ़ती संख्या के कारण माता के भक्तों को कई सालों से एक शिकायत है जो अभी तक दूर नहीं हुई है। उनकी शिकायत पवित्र गुफा के भीतर माता की पिंडियों के दर्शनार्थ मिलने वाले समय के प्रति है।
इन सबके बीच अच्छी बात ये भी है कि कटड़ा के बेस कैंप के ताराकेाट से वैष्णो देवी के दरबार से आधा किमी पहले सांझीछत तक रोपवे की तैयारी आरंभ हो गई है। पहले कदम के तौर पर इसके लिए टेंडर निकाले जा चुके हैं।
इस रोपवे पर 250 करोड़ से अधिक का खर्चा आएगा और एक बार बन जाने पर श्रद्धालु मात्र 6 मिनट में ही 13 किमी का सफर कर वैष्णो देवी के दरबार तक पहुंच जाएंगें। कटड़ा से लेकर मां के दरबार की हवाई दूरी 2.4 किमी है जिस पर रोपवे का निर्माण किया जाना है। अधिकारियों के मुताबिक, यह परियोजना कटरा आधार शिविर के पास ताराकोट से शुरू होगी और सांझीछत पर समाप्त होगी, जो पवित्र मंदिर से आधा किलोमीटर दूर है। रोपवे में 1,500 व्यक्ति प्रति घंटे की क्षमता वाली गोंडोला केबल कार प्रणाली होगी।