संजीव कुमार शुक्ला
लखनऊ :श्री श्री राधा रमण बिहारी मंदिर (इस्कॉन) सुशांत गोल्फ सिटी, लखनऊ द्वारा चंद्रा गेस्ट हाउस आलमबाग में दो दिवसीय “श्रीमद भगवत गीता सेमिनार” का आयोजन किया गया, जिसमें द्वितीय एवं अंतिम दिवस 25.03.2023 को इस्कॉन मंदिर अध्यक्ष एवं वक्ता श्रीमान अपरिमेय श्यामदास प्रभु जी ने बताया कि हमें मनुष्य का शरीर मिला है, इसलिए हमें मनुष्य वाला काम ही करना चहिए, यह कार्य हैं गुरू के निर्देशन मे श्रीमद भागवतम एवं भगवत गीता का अध्ययन करना चाहिए तथा हमें पाप कर्मों से बचना चाहिए, जिसे यामदूत कि जगह विष्णुदूत मृत्यु के उपरान्त हमें लेने आएं lहिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी देवताओं में से परम पुरुषोत्तम श्रीकृष्ण ही मूल हैं, उन्होंने हमें बताया कि आध्यात्मिक दृष्टि से देखने पर यह ज्ञान होता है कि अच्छे लोगों के साथ बुरा तथा बुरे लोगों के साथ अच्छा कभी नहीं हो सकता है। यह तभी तक रहता है जब तक व्यक्ति के पुण्य उसके साथ रहते हैं।
यदि हम आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो सभी धर्म ग्रंथों में समान शिक्षा दी गयी है l श्रीमद भगवत गीता के अनुसार परम पुरषोत्तम श्रीकृष्ण ही परम ईश्वर हैं। अलग अलग धर्मों में उन्हें अलग अलग नामों से जाना जाता है। जिस तरह से सूर्य एक ही होता है लेकिन अलग अलग जगह पर अलग अलग भाषा मे उसको अलग अलग नाम दिया गया है। ठीक उसी तरह ईश्वर भी एक ही है उसे अलग अलग नामों से पुकारा जाता है।
अंत में उन्होंने बताया कि कलयुग केवल नाम अधारा, इसलिए हमें सदैव “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे,”महामंत्र का जप करना चाहिए l उपस्थित सभी भक्तों ने सेमिनार को हरे कृष्ण महामंत्र से गुंजायमान कर दिया lसेमिनार में आलमबाग एवं आस-पास के तमाम गणमान्य भक्त उपस्थित रहे, सभी भक्तों ने श्रीकृष्ण भगवान के भजन कीर्तन तथा विशेष भोजन प्रसाद के साथ-2 विशेष आइसक्रीम प्रसाद का आनंद उठाया।अंत में मंदिर अध्यक्ष श्रीमान अपरिमेय श्यामदास प्रभु जी ने उपस्थित पत्रकारों (प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) को उनके सतत सहयोग के लिए धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया |