हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते है लेकिन इन सभी में राम नवमी बेहद ही खास मानी जाती है जो कि इस साल 30 मार्च को पड़ रही है। इस दिन भक्त भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास भी रखते है।
मान्यता है कि रामनवमी पर भी मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था।
इस दिन राम मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। पंचांग के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। ऐसे में इस दिन व्रत पूजन का विशेष महत्व होता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा रामनवमी पूजन का मुहूर्त और विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते है।
रामनवमी की तिथि-
चैत्र मास की नवमी तिथि का आरंभ- 29 मार्च को रात्रि 9 बजकर 7 मिनट पर
चैत्र मास की नवमी तिथि का समापन- 30 मार्च को रात्रि 11 बजकर 30 मिनट पर
पूजा का शुभ मुहूर्त-
आपको बता दें कि इस साल रामनवमी का त्योहार 30 मार्च दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा का मुहूर्त 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
पूजन की संपूर्ण विधि-
रामनवमी की तिथि प्रभु राम के भक्तों के लिए विशेष मानी जाती है। ऐसे में इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करना चाहिए इसके बाद घर और पूजन स्थल की अच्छी तरह से साफ सफाई करनी चाहिए। इसे शुद्ध करना चाहिए पूजन स्थल में भगवान राम की एक प्रतिमा स्थापित करें प्रभु राम की विधिवत पूजा करें भगवान को भोग लगाएं। उन्हें अक्षत, चंदन अर्पित कर धूप दिखाएं। इसके बाद रामायण या अन्य पवित्र ग्रंथों का पाठ करें अंत में भगवान की आरती करें और सभी में प्रसाद वितरण करें। मान्यता है कि इस विधि से प्रभु राम की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और कष्टों को दूर कर देते है।